चुराह हलके का अनदेखी कर रही सरकार : हंसराज
संवाद सहयोगी, चंबा : प्रदेश सरकार चुराह विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी कर रही है। पिछले दो वर्षो से चुराह क्षेत्र के प्रति सरकार का प्रतिकूल रवैया देखने को मिल रहा है। चुराह के अंतर्गत स्कूलों में अध्यापकों के अधिकतर पद खाली हैं। कई सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऐसे हैं जहां दो या तीन अध्यापक ही सेवाएं दे रहे हैं। कई स्कूलों में नियमित अध्यापकों की जगह प्रतिनियुक्ति पर अध्यापक बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
मंगलवार को चुराह के विधायक हंसराज ने पत्रकारों से कहा कि इस बारे में शिक्षा विभाग को कई बार अवगत करवाया गया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। चुराह तहसील में एसडीएम कार्यालय की हालत दयनीय है। चुराह तहसील को केवल एक ही आइटीआइ दी गई है, जो कोटी में चल रही है, जबकि चुराह के ऊपरी क्षेत्रों के युवाओं को निजी आइटीआइ में अधिक पैसा खर्च कर प्रशिक्षण लेना पड़ रहा है। चंबा से चुराह के लिए बनी सड़क की हालत भी खस्ता हो चुकी है। जिससे चंबा-तीसा मार्ग पर कई सड़क दुर्घनाएं हो चुकी हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि निजी कंपनी द्वारा तरेला पुल को अपने लाभ के लिए गिरा दिया गया, जिसका खामियाजा गुइला, जुआंस, बोंदेड़ी व मंगली पंचायत के लोगों को आज तक भुगतना पड़ रहा है। चार पंचायतों के लोगों व स्कूली बच्चों को नदी पार करने में दिक्कत हो रही है। हैरानी की बात है कि जिस समय कंपनी ने पुल गिराया था तो उस समय से अब तक लोक निर्माण विभाग ने कार्रवाई नहीं की है। चांजू में स्थित हाइडल प्रोजेक्ट ने काम शुरू होने से पहले लोगों की जमीन अपने नाम तो करवा ली, लेकिन अभी तक इन्हें सही मुआवजा नहीं दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द चुराह क्षेत्र के विकास के लिए सही कदम नहीं उठाए तो क्षेत्र के लोगों को साथ लेकर उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।