पानी की सप्लाई को नहीं किया जा रहा फिल्टर
संवाद सूत्र, गरोला : विकास को तरस रहे जनजातीय उपमंडल भरमौर के गरोला व उलांसा पंचायत के गांव को गत काफी समय से बिना फिल्टर पेयजल मुहैया करवाया जा रहा है। जबकि मौजूदा समय में उक्त पेयजल का प्रयोग करने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर इसका असर दिखने लगा है। हालांकि समस्या के निवारण के लिए ग्रामीणों ने कई बार गुहार लगाई। परंतु फिर भी क्षेत्र तक बिना फिल्टर पेयजल की सप्लाई बंद नहीं हो पाई है। जिसके चलते स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है।
प्रभावित ग्रामीणों में सुरेश, तिलक, प्रवीण, अजय, रमेश, सोनू व उत्तम सिंह ने बताया कि गरोला व उलांसा पंचायत के झैंझड़ी, कुठेड़, सुहागा, तजैल, चंदरेड व मझाट सहित अन्य रिहायशी बस्तियों में दूषित पेयजल की समस्या काफी गंभीर दिखाई पड़ रही है। क्योंकि मौजूदा समय में यहां पर जो पेयजल की सप्लाई की जा रही है। वह गांव के पास स्थापित फिल्टर टैंकों की बजाए सीधे लोगों के घरों में लगे नलों में मुहैया करवा दी जा रही है। परिणामस्वरूप लोगों के घरों में लगे नलों में से पेयजल के साथ मिट्टी के कण और कई तरह के परजीवी तथा कीड़े-मकौड़े लोगों के शरीर में पहुंच जा रहे हैं। जबकि इसके खामियाजा के रूप में उक्त गांव के कई लोग बीमार पड़ चुके हैं।
आलम यह है कि विभागीय अनदेखी के चलते इन गांव की सैकड़ों की आबादी जिसमें पुरुष महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे खांसी, जुकाम, उल्टी या फिर दस्त से ग्रस्त हो चुके हैं। ऐसे में अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह समस्या यहां के बाशिंदों के स्वास्थ्य के लिहाज से काफी घातक सिद्ध हो सकती है। गौर हो कि 80 फीसद बीमारियां दूषित पानी पीने से फैलती हैं।
आइपीएच विभाग गरोला के जेई आशीष ठाकुर का कहना है कि समस्या के समाधान के लिए विभागीय कार्रवाई जारी है। जैसे ही उच्च अधिकारियों की स्वीकृति मिलती है पेयजल फिल्टर टैंक मुहैया करवा दिए जाएंगे।