सड़क लेगी सैंकड़ों देवदार की बलि
संवाद सूत्र, गरोला : पिल्ली से स्वाई सड़क योजना के निर्माण की डीपीआर से इस क्षेत्र के कई हरे-भरे पेड़ों पर लोनिवि की कुल्हाड़ी चलना तय हो चुका है। हालांकि लोनिवि इसके एवज में वन विभाग को इसका पूरा मुआवजा देने को तैयार है। इसके बावजूद क्षेत्र के लोगों में सड़क के निर्माण को लेकर काफी रोष है।
जानकारी के अनुसार लगभग एक दशक पहले पिल्ली से स्वाई के लिए जो सड़क का सर्वे किया गया था। उसके तहत अब हाल ही में लोनिवि ने यहां के राहला नामक बस्ती को जोड़ने के लिए जो प्रस्ताव पारित किया है। उससे यहां के लगभग 50 देवदार व अन्य किस्म के पेड़ों का सड़क निर्माण की जद में आना तय हो चुका है। गौरतलब है कि पिल्ली से स्वाई के लिए सड़क निर्माण की मांग काफी पुरानी है। जिसके लिए यहां के लोगों द्वारा कई बार राजनीतिक नुमाइंदों को भी चेताया गया है। मगर उनके सड़क के सपने को इस प्रकार से सरकार और विभाग पूरा करेगा यह किसी ने नहीं सोचा था। स्थानीय लोगों की मानें तो मौजूदा समय में जिस प्रकार से इस सड़क को पिल्ली से स्वाई के लिए ले जाया जा रहा है। वह दशकों पुराने सर्वे के आधार पर बिल्कुल सही है। वर्तमान में जो राहला क्षेत्र को इस मार्ग के माध्यम से जोड़ने का प्रस्ताव तैयार किया है। उस पर विभाग को एक बार फिर से सोचना चाहिए। अगर पिल्ली स्वाई सड़क से राहला के लिए मौजूदा आधार पर लिंक किया जाता है तो इससे तय क्षेत्र में दोनों ओर से काफी वृक्षों के काटे जाने की संभावना है।
अगर राहला के लिए पुराने सर्वे को आधार मान किसी ओर जगह से संपर्क दिया जाता है तो इससे कटने वाले 95 प्रतिशत पेड़ कम हो जाएंगे। जिससे दोनों रिहायशी बस्तियों को सड़क भी मिल जाएगी और वन विभाग की संपदा भी बची रहेगी। फिलहाल विभाग के निर्णय की क्षेत्र में काफी चर्चा है।
लोनिवि भरमौर के अधिशाषी अभियंता जितेंद्र धीमान का कहना है कि इस डीपीआर को केंद्र की मंजूरी मिल चुकी है। जिसके चलते उसी आधार पर सड़क तैयार होगी। जैसे स्वीकृति उच्च विभाग द्वारा मिली है।