रसद पहुंचाने में ग्लेशियर ने डाला अडंगा
शकूर अहमद, तीसा
चंबा और जम्मू कश्मीर की सीमा के समीप बसे लंगेरा नामक चंबा जिले के क्षेत्र में सुरक्षा के लिए तैनात आइआरबी बटालियन को आवश्यक रसद पहुंचाने के लिए कुलियों के साथ-साथ जवानों को भी मजदूरी करनी पड़ रही है। क्योंकि चंबा के इस सीमांत क्षेत्र तक पहुंचाने वाले एक मात्र सड़क को गत दिसंबर में एक ग्लेशियर ने निगल लिया था। जिसके चलते लगभग चार माह बीत जाने के बाद भी यह ग्लेशियर सड़क को यूं ही रोके खड़ा है।
आलम यह है कि गत कई माह से बटालियन का कोई भी वाहन इस ग्लेशियर को पार करके अपनी आवश्यक रसद लेने के लिए आगे नहीं बढ़ पाया है। ग्लेशियर इतना बड़ा है कि पिछले कई सप्ताह से लोनिवि इसे सड़क पर हटाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन ग्लेशियर के साथ आई लाखों टन बर्फ रास्ते से खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। मौजूदा समय में लंगेरा में तैनात बटालियन खुंडी मराल नामक चेक पोस्ट पर नियुक्त है। जिस पर पहले आइटीबीपी के जवानों द्वारा सुरक्षा दी जाती थी। लेकिन आइटीबीपी के लौट जाने के बाद से हिमाचल प्रदेश की रिर्जव बटालियन ही जम्मू कश्मीर क्षेत्र के साथ लगते चंबा के इस सीमावर्ती क्षेत्र में प्रहरी का काम करती आ रही है।
लंगेरा से लगभग दो मील पीछे गुवाड़ी नामक नाला में आए ग्लेशियर से हालात बड़े ही विकट बने हुए हैं। क्योंकि गत दिसंबर से लेकर अप्रैल आधा बीत जाने तक कोई वाहन इस क्षेत्र में दाखिल नहीं हो पाया है। जबकि इससे केवल जवानों को ही नहीं बल्कि यहां के स्थानीय आवाम को भी काफी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि सुरक्षा की दृष्टि से इतने महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में जहां आइआरबी के जवानों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की सुरक्षा भी बेहद जरूरी है। वहां पर पहाड़ को मैदान बना देने वाला लोनिवि आखिरकार क्यों चार माह से इस मार्ग को बहाल नहीं कर पाया। जिसके संबंध में फिलहाल मौसम को ही जिम्मेवार ठहराया जा रहा है।
डीएसपी चंबा अजय राणा ने बताया कि इससे काफी समस्या पेश आ रही है। जबकि इस संबंध में कई बार लोनिवि को भी चेताया जा चुका है। लेकिन इतना समय बीत जाने पर मार्ग के बहाल न हो पाने का कारण उनकी समझ में नहीं आता है।
लोनिवि लंगेरा के कनिष्ठ अभियंता नीरज कुमार ने बताया कि मौसम की बेरुखी व ऊपर से और ग्लेशियर आने की संभावना है। राहत कार्य चला हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही मार्ग को बहाल कर दिया जाएगा।