Move to Jagran APP

अच्छे कर्म से होता है पापों का अंत

संवाद सूत्र, बरठीं : ग्राम पंचायत छत के स्योथा में जारी श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक देवानंद ने कहा

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Feb 2017 06:30 PM (IST)Updated: Wed, 22 Feb 2017 06:30 PM (IST)
अच्छे कर्म से होता है पापों का अंत

संवाद सूत्र, बरठीं : ग्राम पंचायत छत के स्योथा में जारी श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक देवानंद ने कहा कि अगर 100 साल मानव की आयु हो तो उसे 50 साल सोने में ही चले जाते हैं। कुछ साल उसके बचपन में ही निकल जाते हैं। कुछ साल विषय वासना में ही निकल जाते हैं तथा जीवन यूं ही बीत जाता है। मनुष्य जीवन अच्छे कर्मो के कारण ही मिलता है तथा इस जीवन का प्रयोग भी अच्छे कर्म करने के लिए ही करना चाहिए। माता पिता की सेवा करना, बड़ों की आज्ञा का पालन करना, पेड़ पौधों की रक्षा करना, बच्चों से प्यार करना सहित अन्य कार्य सतकर्म में आते हैं तथा इन कर्मो को करने से मानव जीवन में अनजाने से किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। जीवन को सफल बनाने के लिए काम, क्रोध, लोभ, मोह का त्याग करके अच्छे कर्म करें। उन्होंने धु्रव की कथा को बताते हुए कहा कि किस तरह ध्रुव को भगवान प्राप्ति में अनेक दुखों का सामना करना पड़ा लेकिन अंत में भगवान अपने भक्त के दुखों का निवारण करने के लिए स्वयं प्रकट हुए तथा बालक धु्रव की रक्षा की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.