एक माह में मांगें पूरी न की तो फिर संघर्ष
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : प्रारंभिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक के आश्वासन के बाद आमरण अनशन तोड़
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : प्रारंभिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक के आश्वासन के बाद आमरण अनशन तोड़ने वाले मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि एक माह के अंदर उनकी मांगों को अमलीजामा नहीं पहनाया गया तो वे दोबारा संघर्ष का रास्ता अख्तियार करने के लिए मजबूर होंगे। बिलासपुर के साथ प्रदेश के अन्य सभी जिलों में एक साथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का भी यूनियन के पास विकल्प रहेगा।
शनिवार को बिलासपुर में पत्रकारों से बातचीत में यूनियन की जिलाध्यक्ष कमलेश ठाकुर, महासचिव सुरेंद्रा व एटक के जिला महामंत्री परवेश चंदेल ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक से उनकी मांगों को पूरा करने का शुक्रवार को लिखित समझौते में आश्वासन दिया है। क्रमिक अनशन व आमरण अनशन के बाद हुए समझौता वर्करों की बड़ी व एतिहासिक जीत है। समझौते के तहत मिड-डे मील वर्करों के पूर्व में बढ़ाए गए 200 रुपये भी बकाया राशि के साथ दिए जाएंगे। आमरण अनशन के दौरान किसी राजनेता ने उनका हाल तक नहीं जाना। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उपायुक्त कार्यालय में हालांकि कुछ नेता जरूर पहुंचे, लेकिन उन्होंने आमरण अनशन करने वालों की बात सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन तक नहीं दिया। 25 बच्चों की शर्त के कारण नौकरी से हाथ धोने वाले मिड-डे मील वर्करों को अन्य स्कूलों में प्राथमिकता के आधार पर समायोजित करने का आश्वासन मिला है। जिला वार मिड-डे मील वर्कर की वरिष्ठता सूची बनाकर रिक्त स्थानों पर हटाए गए मिड-डे मील वर्कर को दोबारा रखने का भी विभाग की ओर से यूनियन को आश्वासन मिला है। एसडीएम डॉ. हरीश गज्जू समेत समूचे जिला प्रशासन का सहयोग के लिए यूनियन ने आभार व्यक्त किया है। इस अवसर पर यूनियन की कोषाध्यक्ष उर्मिला, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्या कमला देवी भी मौजूद रही।