और सात बीघा भूमि होगी अधिगृहित
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : बिलासपुर में प्रस्तावित देश के पहले हाईड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के कैंपस न
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : बिलासपुर में प्रस्तावित देश के पहले हाईड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के कैंपस निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू करने के लिए तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने कवायद शुरू कर दी है। कॉलेज कैंपस के स्वरूप व निर्माण कार्य की एंजेसी को लेकर तकनीकी शिक्षा निदेशक की अगुवाई में निदेशालय में मैराथन बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में एनटीपीसी-एनएचपीसी, कोलडैम व पार्वती प्रोजेक्ट के इंजीनियर के साथ गहन चर्चा की गई। बैठक में फैसला लिया गया कि कॉलेज के साथ सटी सात बीघा जमीन को अधिगृहित किया जाएगा।
बंदलाधार में हाईड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के शिलान्यास के बाद अब भवन व अन्य आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए अंदरखाते प्रक्रिया शुरू हो गई है। निर्माण कार्य सरकारी या फिर निजी क्षेत्र की कंपनी या एजेंसी को देने से पहले विभिन्न पहलुओं पर मंथन किया गया। बैठक में लिए गए निर्णयों को जल्दी शिमला में उच्च अधिकारियों से साझा किया जाएगा। उसी के बाद निर्माण कार्य के लिए एजेंसियों से आवेदन मांगने की प्रक्रिया शुरू होगी। कम से कम एक माह के अंदर तस्वीर साफ हो पाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिमला से कॉलेज का शिलान्यास किया गया है। इस सत्र से मेकैनिकल व सिविल इंजीनिय¨रग के कोर्स शुरू हो रहे हैं। एनटीपीसी और एनएचपीसी के सहयोग से बनने वाले इस कॉलेज के लिए करीब 75 करोड़ की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। बंदला में कॉलेज कैंपस व आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए 62 बीघा जमीन तकनीकी शिक्षा विभाग के नाम स्थानांतरित हो चुकी है। एसडीएम सदर बिलासपुर डॉ. हरीश गज्जू की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से हाईड्रो इंजीनिय¨रग कॉलेज में प्रोफेसर और स्टाफ की नियुक्ति को लेकर केस पद सृजन के लिए सरकार को भेज दिया है।
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हाईड्रो इंजीनिय¨रग कॉलेज में प्रोफेसर और स्टाफ की नियुक्ति को लेकर केस पद सृजन के लिए सरकार को भेज दिया है। बंदलाधार में हाईड्रो इंजीनिय¨रग कॉलेज भवन व अन्य आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए निदेशालय में बैठक में चर्चा की गई है।
-राजेश्वर गोयल, निदेशक तकनीकी शिक्षा।