तिरंगा व वर्दी न देख फूटा परिजनों का गुस्सा
जागरण टीम, स्वारघाट/स्वाहण : 16 साल सेना में जान हथेली पर रखकर देश की रक्षा करने वाले सैनिक कुलदीप क
जागरण टीम, स्वारघाट/स्वाहण : 16 साल सेना में जान हथेली पर रखकर देश की रक्षा करने वाले सैनिक कुलदीप का शव तिरंगे में लिपटा हुआ न देखकर परिवार के सदस्यों के साथ-साथ ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया। सैनिक कुलदीप के शव पर वर्दी भी न होना ग्रामीणों को समझ नहीं आ रहा था। सैनिक कुलदीप का शव उसके पैतृक गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। कुलदीप की मौत के बाद अब परिवार में कोई सदस्य कमाने वाला नहीं रह गया है। बूढ़े माता-पिता उम्र के इस पड़ाव में मेहनत मजदूरी करने के लायक नहीं हैं। पत्नी अनीता पर अब परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी पड़ गई है। कुलदीप की मौत के बाद परिवार के सदस्यों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। डोगरा रेजिमेंट की 112वीं इंफेंटरी बटालियन के सैनिक कुलदीप धीमान पुत्र मौजी राम के दो बच्चे लड़की मनीषा (13) व लड़का मोहित (6) पहली कक्षा में पढ़ता है। उसे यह भी पता नहीं है कि इतनी कम उम्र में ही पिता का साया सिर से उठ गया। मनीषा समेत सैनिक की पत्नी अनीता का रो-रोकर बुरा हाल है। सैनिक कुलदीप के पिता को दिन-रात यही ¨चता सता रही है कि अब परिवार और बच्चों का निर्वाह कैसे होगा।
शव के धरा गांव में पहुंचने पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। शव को सड़क पर ले जाने की तैयारी की जा रही थी। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि कुलदीप ने आत्महत्या नहीं बल्कि उसकी हत्या की गई है। सैनिक कुलदीप को गोली लगने की सूचना सेना मुख्यालय पठानकोट से दी गई है। लेकिन इससे अधिक कुछ नहीं बताया गया है। कुलदीप अपने पिता के अकेले चिराग थे। सैनिक के पिता मौजी राम ने बताया कि उसके बेटे ने खुदकुशी नहीं की है। सेना की तरफ से जो सम्मान सैनिक को दिया जाता है वह उसके बेटे को नहीं मिल पाया है इसका ताउम्र उसे व परिवार के अन्य सदस्यों को मलाल रहेगा।