जप करने से मनोकामना होती पूरी : मुरलीधर
संवाद सूत्र, बरठीं : ग्राम पंचायत कोटलु ब्राह्माणा के प्रसिद्ध शिव मंदिर में चल रही शिव महापुराण की
संवाद सूत्र, बरठीं : ग्राम पंचायत कोटलु ब्राह्माणा के प्रसिद्ध शिव मंदिर में चल रही शिव महापुराण की कथा में कथावाचक डॉ. स्वामी मुरलीधर महाराज विश्वानाथ धाम बनारस उत्तर काशी वाले ने कहा कि जो भी मनुष्य नियम संयम से भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र मन व तन की तथा खानपान की शुद्धि से पांच लाख मंत्र का जप कर लेता है उस पर भगवान शिव की कृपा अवश्य ही होती है। सभी देवी देवता दयालु होते हैं तथा भक्त द्वारा उनका स्मरण करने पर वे अवश्य ही प्रसन्न होते हैं। एक लाख बार मंत्र का जप करने पर ब्रह्मा खुश होते हैं। दो लाख बार का जप करने पर भगवान विष्णु खुश होते हैं। तीन लाख जप करने पर भगवान शिव रूद्र खुश होते हैं। चार लाख जप करने पर महेश्वर खुश होते हैं तथा पांच लाख का जप करने पर भगवान शिव की अपार कृपा होनी शुरू हो जाती है। जप को करने का तभी लाभ मिलता है जब वह किसी गुरु से नाम दान लेने पर मिला हो। किसी सदगुरु से मंत्र दीक्षा ली गई हो। भगवान शिव की अराधना करने के लिए शिव¨लग स्वयं बनाकर पूजा करने का बड़ा महत्व है। शिव¨लग मिट्टी का भी बनाया जा सकता है, आटे का भी, मक्खन का भी, भस्म का भी, गो माता के गोबर का भी बनाया जा सकता है। शिव¨लग बनाकर भगवान शिव की अराधाना की जा सकती है। सच्चे व शुद्ध मन से भगवान शिव की अराधना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।