पंचायत चुनाव के लिए भाजपा ने शुरू की कसरत
जागरण संवाददाता, बिलासपुर : लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत अपने नाम करने वाली भाजपा की निगाहें अब पंचायती राज चुनाव की ओर हैं। अगले वर्ष होने वाले इन चुनाव के लिए भाजपा ने एक साल पहले ही कसरत शुरू कर दी है। इस अभियान की शुरुआत बिलासपुर से हुई है।
पार्टी पंचायत प्रतिनिधियों के ऐसे मुद्दे को हथियार बनाने जा रही है जिससे कांग्रेस सरकार को बैकफुट व भाजपा फिर लाइमलाइट में आ सके। भाजपा पंचायत प्रतिनिधियों के सहारे बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। राज्य में इन दिनों जिला परिषद व पंचायत समिति की शक्तियों और अनुदान में कटौती का हर तरफ विरोध हो रहा है। सरकार के फैसले पर भाजपा ने भी भवें तरेरी हैं। पार्टी जनप्रतिनिधियों की दिक्कतों को जोरशोर से उठाने जा रही है। साढ़े तीन हजार पंचायतों में से ढाई हजार से थोड़ा कम में भाजपा समर्थित जनप्रतिनिधि आसीन हैं। यही स्थिति पंचायत समिति और जिला परिषद में भी है। करीब 75 फीसद प्रतिनिधि भाजपा अपने साथ होने का दावा करती है। किसी भी राजनीतिक दल की राजनीति की नींव पंचायत से शुरू होती है जिससे दल की मजबूती साफ झलकती है। भाजपा अपने संगठन के पंचायती राज प्रकोष्ठ के जरिये कांग्रेस सरकार को घेरने में जुटी हैं। राज्य के पंचायत प्रतिनिधियों को प्रकोष्ठ के बैनर तले लाया जा रहा है। पार्टी ने साफ किया है कि दूसरे दलों को समर्थन देने वाले पंचायत प्रतिनिधि भी इस आंदोलन के साथ जुड़ेंगे जिससे कि पंचायती राज के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म किया जा सके। कुल मिलाकर भाजपा अपने इस कदम से कांग्रेस सरकार पर एक तीर के साथ कई निशाने साध रही है। यहां इससे भाजपा को कांग्रेस सरकार को बैकफुट पर लाने का मौका मिलेगा। वहीं, इससे पार्टी का प्रदेया में जनाधार बढ़ेगा। अगले साल पंचायती राज चुनाव में फिर बड़ी जीत दर्ज करना भी शामिल है। अब देखते हैं कि सरकार अपने फैसले को बरकरार रखती है या फिर भाजपा इस बड़े मुद्दे को भुनाती है।