जान लीजिए बच्चों के लिए ये खाना क्यों है खतरनाक
सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा तंदुरुस्त हो लेकिन वे प्राय: भूल जाते हैं कि इस चक्कर में कहीं वो मोटापे का शिकार न हो जाए।
इस खबर को बहुत दिन नहीं हुए जब केरल सरकार ने बच्चों में जंक फूड की आदत के कारण आए मोटापे की वजह से होने वाली बीमारियों को देखते हुए फैट टैक्स लगा दिया। दुनिया के कई देशों में फैट टैक्स काफी पहले से लगा हुआ है। एक रिसर्च से पता चला था कि केरल के स्कूलों में 12 प्रतिशत बच्चे ओवरवेट हैं जबकि 6.3 फीसदी बच्चों को मोटापे ने जकड़ रखा है। थुल-थुल करते मोटे बच्चे स्फूर्ति के अभाव में सक्रियता नहीं दिखा पाते। शारीरिक एवं मानसिक श्रम के अभाव में बच्चों के शरीर तथा मस्तिष्क अभी से थकने लगे हैं।
फास्टफूड बना रहा स्लो
डॉक्टरों के अनुसार फास्टफूड में अत्यधिक वसा, शुगर तथा अन्य कई हानिकारक तत्व मिले हुए होते हैं, जो अनेक रोगों का कारण हैं। कोल्ड ड्रिंक में कार्बन, एसिड, शुगर व प्रिजरवेटिव होते हैं। ये एसिड हड्डियों में कैल्शियम एवं फॉस्फोरस को कम कर देते हैं। केक और पेस्ट्री जैसे बेकरी उत्पादों में शुगर, मैदा और चिकनाई की अधिकता मोटापा बढ़ाती है, जिससे डायबिटिज होने की संभावना बढ़ जाती है। चाइनीज फूड में अत्याधिक कार्बोहाइड्रेट और मसाले होते हैं। इनके अधिक सेवन से पेप्टिक अल्सर तथा डायरिया जैसे रोग हो सकते हैं। लगातार जंक फूड का सेवन टीनएजर्स में डिप्रेशन का कारण बन सकता है। जंक फूड से हार्मोंस में बदलाव भी आने लगते हैं, जिससे बच्चों का व्यवहार और नेचर प्रभावित होता है। इसके अलावा उनमें कई तरह के बायलॉजिकल बदलाव आने लगते हैं। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद ट्रांसफैट शरीर में उपस्थित लाभदायक फैट को रिप्लेस कर देता है, जिससे दिमाग की कार्यक्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। जो बच्चे जंक फूड पर ज्यादा आश्रित रहते हैं उनमें डिप्रेशन की संभावना 58 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
आदत खत्म कर देगी मुस्कान
केजीएमयू (लखनऊ) में संपन्न इंटरनेशनल क्रेनियोफेशियल एंड डेंटल समिट में ग्लासगो से आए सर्जन डॉ. डेविड ने कहा कि जंक फूड दांतों के लिए भी हानिकारक है। जंक फूड के सेवन से दांत और मसूड़ों के दर्द के साथ ही मुंह और गले का कैंसर तक हो सकता है। पिछले दस सालों में भारत में जंक फूड के अधिक सेवन से पश्चिमी देशों की तरह दांतों में गड्ढों की बीमारी में तेजी से वृद्धि हुई है।
विदेशी भी हारे मोटापे से
बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए ब्रिटिश सरकार सॉफ्ट ड्रिंक उद्योग पर शुगर टैक्स लगाने जा रही है। ब्रिटिश स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बच्चों के लिए शुगर ड्रिंक अकेला ऐसा उत्पाद है, जिसमें सबसे ज्यादा शुगर होती है। बच्चे जरूरत से ज्यादा शुगर का सेवन कोल्ड ड्रिंक की एक कैन के जरिए करते हैं। एक कैन में तकरीबन 9 चम्मच चीनी होती है। मैक्सिको में 2014 में जंक फूड पर 8 प्रतिशत टैक्स लगाया गया था, जिसके बाद वहां जंक फूड की बिक्री 5.1 फीसदी गिर गई।
खाने से पहले जानो
अमेरिका में हर तीन में से दो व्यक्ति मोटापे का शिकार है। वहां लोग अक्सर खाने से पहले कैलोरी की मात्रा नहीं देखते। इन लोगों को जागरूक बनाने के लिए एक समूह ने ऐसे उत्पादों की नाम की लिस्ट जारी की है, जिसमें कैलोरी की मात्रा अधिक होती है। एक शोध के मुताबिक कामकाजी महिलाओं के बच्चों में मोटापे की आशंका तुलनात्मक रूप से अधिक होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि जिस तरह से पिछले 10 सालों में घर से बाहर जाकर काम करने वाली औरतों की संख्या में इजाफा हुआ है, उसी अनुपात में बच्चों का मोटापा भी बढ़ा है।
- 14.5 फीसदी फैट टैक्स देना होगा केरल में चिन्हित फास्टफूड आउटलेट्स को।
- 8, 500 करोड़ रुपए का फास्टफूड कारोबार है भारत में, जिसके चार साल के अंदर 25,000 करोड़ रुपए हो जाने का है अनुमान।
- 10 साल ज्यादा बूढ़ा हो जाता है मोटापे के चलते दिमाग। इसका मतलब यह हुआ कि आप की उम्र 25 साल है तो मोटापे की वजह से दिमाग 35 साल के व्यक्ति की तरह काम करेगा।
(एक ब्रिटिश शोध के अनुसार)
- बेल्जियम, फ्रांस और हंगरी के क्लब में शामिल हो जाएगा ब्रिटेन शुगर टैक्स लगाने के बाद। उक्त तीनों देशों में शुगर युक्त पेय पदार्थों पर अलग-अलग तरह के टैक्स लगे हुए हैं।
- 5 सबसे मोटे राज्य हैं पंजाब, केरल, गोवा, तमिलनाडु एवं आंध्रप्रदेश और 5 सबसे पतले राज्य हैं त्रिपुरा, झारखंड, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा छत्तीसगढ़।
नवीन जैन