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भूख नहीं लगने के कारणों का चला पता

अनुवांशिक और पर्यावरण संबंधी खतरों के चलते खाने-पीने में गड़बड़ी की स्थिति पैदा होती है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 18 Apr 2016 04:47 PM (IST)Updated: Mon, 18 Apr 2016 04:51 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने भूख नहीं लगने (एनोरेक्सिया) के कारणों का पता लगाने का दावा किया है। इसके मुताबिक अनुवांशिक और पर्यावरण संबंधी खतरों के चलते खाने-पीने में गड़बड़ी की स्थिति पैदा होती है।

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एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीडि़त लोगों में खाने के प्रति अरचि पैदा हो जाती है। इसका अभी तक इलाज संभव नहीं हो सका है। यह पहला मौका है जब इसके वजहों को ढूंढ़ऩे का दावा किया गया है। इसके कारण आठ से 15 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है। आनुवांशिक खतरों के अलावा अकेलापन, खाने को लेकर साथियों का दबाव और पतले होने की चाहत के कारण भी किशोरावस्था में एनोरेक्सिया की समस्या सामने आती है। चूहों पर इसका सफल परीक्षण किया गया है। लाइलाज बीमारी के कारणों के सामने आने के बाद अब इससे निपटने में आसानी हो सकती है।


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