अगर चाहिए स्वस्थ जीवन जो आज ही छोड़िए इन आदतों को
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चों को पर्याप्त नींद मिलती है तो उनकी लंबाई बढ़ती है और अगर नींद में गड़बड़ होती है तो उनका विकास अवरुद्ध हो जाता है।
भारतीयों की कई ऐसी आदतें हैं जो उनकी नींद में खलल साबित हो रही हैं। आइए देखें कहीं इन आदतों के शिकार आप भी तो नहीं? अच्छी नींद आपको स्वास्थ्य भी देती है और सुकून भी, लेकिन जब नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है तो मुश्किलें सामने आने लगती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चों को पर्याप्त नींद मिलती है तो उनकी लंबाई बढ़ती है और अगर नींद में गड़बड़ होती है तो उनका विकास अवरुद्ध हो जाता है। भारत में अपनी तरक्की के लिए लोग नींद की कुर्बानी दे रहे हैं और इसका उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है। लेकिन सिर्फ यही एक कारण नहीं है बल्कि कारण कई हैं जिनसे नींद का पैटर्न गड़बड़ा रहा है।
देर से सोना, जल्दी जागना
बहुत से भारतीय सुकून देने वाली 7 या 8 घंटे की नींद की बजाय 5 या 6 घंटे की नींद ही ले पा रहे हैं। यह खासकर रविवार की रात को ज्यादा होता है क्योंकि लोग देर तक पार्टी करते हैं और फिर सोमवार की सुबह जल्दी जागते हैं। नींद के लिए सबसे बेहतर समय 10 से 11 के बीच का है और इसके बाद जागने का समय आप बना सकते हैं। मुंबई और बेंगलुरू जैसे शहरों में लोग देर से सोने का नुकसान ज्यादा है।
रात का खाना बहुत ही देरी से
रात को खाने के बाद सीधे ही बिस्तर पर जाना भी भारतीयों की नींद और सेहत पर बुरा असर डाल रहा है। यह दिल और फेफडों के लिए बहुत ही बुरा है। नींद से चार घंटे पूर्व भोजन हो जाना बहुत ही अच्छा माना जाता है। खाने और सोने के बीच डेढ़ घंटे का फासला तो कम से कम होना ही चाहिए। सोने से पहले दिन के तनाव से मुक्ति पाना भी जरूरी है जो थोड़ा घूमने और किताब पढ़ने से हो सकता है। लेकिन लोग दफ्तर से लौटकर खाना खाते ही सीधे सोने चले जाते हैं।
गरिष्ठ भोजन से सेहत बर्बाद
कामकाजी लोग न केवल देर से भोजन करते हैं बल्कि वे गरिष्ठ भोजन भी करते हैं जो आसानी से पचता नहीं है। यह पेट में पाचक रस को गड़बड़ा देता है। रात को खाने के बाद कैफीन का सेवन भी टालना चाहिए और स्माकिंग से तो पूरी तरह परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे जीवन की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होती है। ये दोनों ही नींद को बुरी तरह प्रभावित करते हैं।
शराब का सेवन सबसे बुरा
रात के खाने के साथ शराब का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बुरा है। शुरुआत में भले ही यह लगता हो कि रात के खाने से पहले थोड़ी सी शराब तनाव से मुक्ति देती है लेकिन ऐसा होता नहीं है। पश्चिमी देशों की तर्ज पर भारत में बढ़ता शराब का चलन मुश्किलें पैदा कर ही रहा है। खाली पेट शराब पीने पर वह ज्यादा असर करती है और भोजन के समय को आगे धकेल देती है जो नींद के लिए बुरा है।
गैजेट के समीप सोने से खतरा
रात को सोते समय आसपास जितने ज्यादा गैजेट्स होंगे नींद में उतना ही ज्यादा खलल होगा। मोबाइल फोन या गैजेट की चमकीली सतह के कारण पीनियल ग्रंथि से मेलाटोनिन का स्त्रावण होता है जो नींद को कम करता है। शरीर की सरकार्डियन रिद्म भी इन गैजेट के कारण गड़बड़ा जाती है। इसके कारण स्लीप एप्निया जैसी शिकायतें हो सकती हैं।
पढ़ें- नारियल तेल के इन फायदों के बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे आप