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मलेरिया जरूरत है सजग रहने की

सात का मौसम खुशियों के साथ कुछ बीमारियों को भी बुलावा देता है। इन बीमारियों में मलेरिया भी शामिल है। कारण यह रोग एनोफिलीज नामक मादा मच्छर के काटने से होता है। मादा मच्छर के काटने के बाद उसके शरीर में पोषित होने वाला प्लास्मोडियम पैरासाइट या परजीवी मच्छर के पेट

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 03:27 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 03:33 PM (IST)
मलेरिया जरूरत है सजग रहने की

सात का मौसम खुशियों के साथ कुछ बीमारियों को भी बुलावा देता है। इन बीमारियों में मलेरिया भी शामिल है।

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कारण

यह रोग एनोफिलीज नामक मादा मच्छर के काटने से होता है। मादा मच्छर के काटने के बाद उसके शरीर में पोषित होने वाला प्लास्मोडियम पैरासाइट या परजीवी मच्छर के पेट में भी अपने जीवन चक्र का एक मुख्य भाग पूरा करता है।

प्रमुख लक्षण

- मलेरिया के लक्षण मच्छर काटने के 8 से 25 दिन में (औसतन 14 दिन) महसूस होते हैं।

- ठंड लगकर तेज बुखार आना।

- सिरदर्द और शरीर में ऐंठन।

- जोड़ों में दर्द।

- उल्टी और दस्त लगना।

- पेशाब व आंखों में पीलापन।

- पेशाब कम आना।

- बेहोशी और दौरे आना।

जटिलताएं

मलेरिया का अगर तुरंत इलाज न किया जाए,

तो कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

जैसे..

- फेफड़ों में सूजन और सांस लेने में

तकलीफ।

- गुर्दे खराब हो जाना।

- शरीर में खून की कमी होना।

- मस्तिष्क में सूजन।

- लिवर का बढऩा।

- गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा।

डायग्नोसिस

मलेरिया का निदान (डायग्नोसिस) ब्लड टेस्ट के जरिये किया जाता है। रक्त की स्लाइड

बनाकर प्लास्मोडियम पैरासाइट को माइक्रोस्कोप से देखा जाता है।

उपचार

मलेरिया के लक्षण दिखते ही रोगी को शीघ्र ही डॉक्टर के पास ले जाएं। शीघ्र डायग्नोज और

शीघ्र इलाज से इस रोग से होने वाली जटिलताओं से बचा जा सकता है।

मलेरिया के लिए कई तरह की दवाएं दी जाती हैं। सबसे कारगर और विश्व स्वास्थ्य

संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा मान्यता प्राप्त 'फस्र्ट लाइन- दवा है- आर्टीमिसिन

कॉम्बीनेशन थेरेपी जो कई दवाओं का मिश्रण है। घर पर रोगी को बुखार के लिए

पैरासीटामॉल दें। बुखार उतारने के लिए ठंडे पानी से बदन पोंछें और मरीज को पीने के

लिए तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में दें।

- अपने आस-पास सफाई का ध्यान रखें। साफ-सुथरी जगह पर मच्छर कम पनपते हैं।

और कम बीमारियां फैलती हैं।

- मच्छर रुके पानी में पनपते हैं। नालियों की सफाई कराते रहें और गड्ढे आदि भरवाते रहें।

- अगर जल निकास संभव न हो, तो उसमें कीटनाशक दवा या कैरोसिन का तेल डालें।

- घर में या आसपास पड़े बर्तन, मटके, डब्बे, गमले, टायर आदि में पानी इक_ा न हो।

इसका विशेष ध्यान दें।

- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

- मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाने से भी कुछ बचाव संभव है।

जारी हैं अनुसंधान

मलेरिया के लिए अभी तक कोई भी कारगर टीका (वैक्सीन) उपलब्ध नहीं है। टीका

विकसित करने के लिए जोर-शोर से अनुसंधान जारी हंै। मलेरिया से बचाव के लिए

क्लोरोक्वीन या डॉक्सीसाइक्लीन नामक दवा कुछ सप्ताह तक डॉक्टर की सलाह से ली जा

सकती है। यह दवा मलेरिया प्रभावित इलाकों में जाने वाले यात्रियों के लिए फायदेमंद है।

डॉ.सुशीला कटारिया

सीनियर फिजीशियन

मेदांता दि मेडिसिटी, गुडग़ांव


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