आध्यात्म से बढ़ जाता है मानसिक बीमारी का खतरा
लंदन। आध्यात्मिक व्यक्तियों के मानसिक तौर पर बीमार होने की संभावना कहीं ज्यादा होती है।
लंदन। आध्यात्मिक व्यक्तियों के मानसिक तौर पर बीमार होने की संभावना कहीं ज्यादा होती है।
हालिया हुए एक अध्ययन के मुताबिक आध्यात्म व्यक्ति को मानसिक बीमारियों के प्रति ज्यादा संवेदनशील बना देता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि खुद को धार्मिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक मानने वाले मानसिक तौर पर ज्यादा बीमार होते हैं। इसके साथ ही उनमें खाने-पीने में अनियमितता, चिंता, न्यूरोसिस और कई तरह के विकार घर कर जाते हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे लोग आम लोगों की तुलना में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी दवाइयों का प्रयोग भी कहीं अधिक करते हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर माइकल किंग के मुताबिक जो लोग जिंदगी को आध्यात्म के नजरिए से देखते हैं वे मानसिक तौर पर ज्यादा परेशान रहते हैं, अपेक्षाकृत उन लोगों के जो न तो धार्मिक होते हैं और न ही आध्यात्मिक। यह अध्ययन लंदन की
करीब 7403 महिलाओं और पुरुषों से आध्यात्म और धर्म के संदर्भ में पूछे गए प्रश्नों पर आधारित है। पाया गया कि आध्यात्मिक लोगों में अन्य की तुलना में मानसिक बीमारिया होने की आशंका 50 फीसद अधिक होती है। ऐसे लोगों के दवाइयों के आदी हो जाने की आशंका 77 फीसद अधिक होती है। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन के संदर्भ में व्यापक परीक्षण करने की जरू रत है।
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