ताकि त्वचा बनी रहे युवा
मेडिकल साइंस की नई शाखा 'एस्थेटिक मेडिसिन' की विभिन्न चिकित्सा विधियों से आप अपनी त्वचा पर बढ़ती उम्र के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को काफी कम कर सकते हैं... अढ़ती उम्र का सबसे पहले दुष्प्रभाव त्वचा पर ही दिखायी देता है। गलत खानपान, तनावपूर्ण जीवन-शैली और गलत क्रीमों के प्रयोग से
मेडिकल साइंस की नई शाखा 'एस्थेटिक मेडिसिन' की विभिन्न चिकित्सा विधियों से आप अपनी त्वचा पर बढ़ती उम्र के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को काफी कम कर सकते हैं...
अढ़ती उम्र का सबसे पहले दुष्प्रभाव त्वचा पर ही दिखायी देता है। गलत खानपान, तनावपूर्ण जीवन-शैली और गलत क्रीमों के प्रयोग से असमय त्वचा अपनी कांति खोने लगती है। इसके
अलावा शरीर में बढ़ती उम्र के परिणामस्वरूप विभिन्न रासायनिक और मेटाबोलिक परिवर्तन होते हैं। इस कारण भी हमारी त्वचा में क्षरण (डिजनरेशन) होता है। कोशिकाओं और टिश्यूज के स्तर पर होने वाले क्षरण से त्वचा अपनी चमक व कसाव खोने लगती है। हल्की
रेखाएं उभरकर धीरे-धीरे झुर्रियों का रूप
ले लेती हैं और ढीली पड़ गयी त्वचा
बेजान दिखने लगती है ।
ं'एस्थेटिक मेडिसिनÓ की सहायता से
न केवल आप अपनी त्वचा को जवान
बनाए रख सकते हैं बल्कि झुर्रियों और
झांइयों जैसी समस्याओं से निजात भी पा
सकते हैं।
खानपान- भोजन में विटामिन सी,
विटामिन ई, ओमेगा फैटी एसिड्स,
कैल्शियम, आयरन, फाइटोन्यूट्रीएंट्स,
और एंटीऑक्सीडेन्ट्स युक्त खाद्य पदार्र्थों
को वरीयता दें। ये सभी तत्व हरी सब्जियों
और फलों में पाए जाते हैं।
एस्थेटिक ट्रीटमेंट्स: इसके अंतर्गत
कुछ विधियों और प्रक्रियाओं पर अमल
किया जाता है। जैसे...
केमिकल पीलिंग- विभिन्न रासायनिक
तत्वों जैसे-अल्फा, बीटा और हाइड्रॉक्सी
एसिड की मदद से त्वचा की ऊपरी पर्त
को हटाया जाता है। यह प्रक्रिया विभिन्न
समस्याओं जैसे झांइयों, मुंहासों, हल्के
दाग-धब्बों को दूर करने में लाभदायक
है। इस चिकित्सा को दो-तीन हफ्तों के
अंतराल पर अमूमन चार से छह बार
दोहराया जा सकता है।
माइक्रोडर्माब्रेजन- इस इलाज में
एल्युमिनियम ऑक्साइड के क्रिस्टलों को
मशीन की मदद से नियंत्रित दबाव पर
त्वचा की बाहरी पर्त पर घिसा जाता है,
जिससे मृत कोशिकाएं हट जाती हैं और
नई स्वस्थ कोशिकाओं का जन्म होता है।
यह इलाज हल्के दाग-धब्बों और त्वचा
की खोई हुई कांति लाने में प्रभावी है।
मीजोथेरेपी: इस इलाज में विटामिन
सी,विटामिन ई, इलास्टिन, कोलेजन,
हाइल्यूरोनिक एसिड सीरम आदि
पोषकीय तत्वों को त्वचा की भीतरी पर्त
डर्मिस में बारीक सुई द्वारा डाला जाता है।
त्वचा में कसाव व चमक लाने के साथ
मीजोथेरेपी हल्की रेखाओं को गायब
करने में भी प्रभावी है।
हाईफू (हाई इंटेन्सिटी फोकस्ड
फ्रीक्वेंसी अल्ट्रासाउंड)- यह विधि
त्वचा के ढीलेपन को दूर करती है और
कोलेजन रेशों के पुनर्निर्माण द्वारा कसाव
लाती है। सर्जरी और सुई के बगैर
फेसलिफ्ट की चाह रखने वालों के लिए
यह अच्छा इलाज है। एक से दो हफ्ते के
अंतराल पर मात्र 4 से 6 बार करवाकर
बढ़ती उम्र के लक्षणों को काफी हद तक
गायब किया जा सकता है।
क्लियर लिफ्ट लेजर- विभिन्न आयामों
वाली लेजर तरंगों के प्रयोग से ढलती
उम्र की त्वचा को पुनर्जीवन दिया जा
सकता है। क्लियर लिफ्ट लेजर के
जरिये शुरुआती झुर्रियों या रेखाओं के
साथ-साथ त्वचा के रंग को भी सुधारा
जा सकता है।
डॉ.प्रभा सिंह
एस्थेटिक फिजीशियन, लखनऊ