जो हाथ से खाते हैं वो रहते हैं सेहतमंद
चम्मच-छुरे से खाना भारतीय शैली नहीं है। यहा लोग हाथों की पांच अंगुलियों का कौर बनाकर भोजन को मुंह में पहुंचाते हैं। यह खाने का बेहद सधा और स्वस्थ तरीका है जिसका वर्णन आयुर्वेद में मिलता है। आयुर्वेद में यह लिखा है कि हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है जिससे विज्ञान भी इंकार नहीं करता। ये तत्व हैं- भूमि, वायु, जल, अग्नि और आकाश्
चम्मच-छुरे से खाना भारतीय शैली नहीं है। यहा लोग हाथों की पांच अंगुलियों का कौर बनाकर भोजन को मुंह में पहुंचाते हैं। यह खाने का बेहद सधा और स्वस्थ तरीका है जिसका वर्णन आयुर्वेद में मिलता है।
आयुर्वेद में यह लिखा है कि हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है जिससे विज्ञान भी इंकार नहीं करता। ये तत्व हैं- भूमि, वायु, जल, अग्नि और आकाश। इनसे ही हमारे शरीर का संतुलन बना होता है। इनमें जरा-सा परिवर्तन हमारे शरीर को असंतुलित करता है जिसका परिणाम हमें बीमार होकर चुकाना पड़ता है।
शारीरिक संतुलन
खाना खाते वक्त हाथ की पांचों अंगुलिया मिलकर एक आकार बनाती है जिससे भोजन से मिली उर्जा हमारे शरीर में रह पाती है। इससे शरीर में पाँचों तत्वों का संतुलन बरकरार रहता है।
पाचक के रूप में
शरीर के अंगों की क्रिया से दिमाग का सीधा जुड़ाव होता है। खाने को हाथ में लेकर मुंह तक ले जाने से पहले ही दिमाग तक इसका संदेश पहुंच जाता है और तरंगों के माध्यम से पेट पहले ही खाने को पचाने के लिए तैयार हो जाता है।
भोजन की गर्मी का अहसास पहले ही करा देता है
खाने के स्पर्श मात्र से ही हाथ से गुजरने वाली तरंगें दिमाग तक यह संदेश पहुंचा देती है कि भोजन कितना गर्म है। इससे मुंह और शरीर पहले ही उस गर्मी से बचने की तैयारी कर लेते हैं। इससे मुंह और जिह्वा जलने से बच जाती है। चम्मच और छुरे से खाने पर यह एहसास भोजन को मुंह में ले जाने से पहले नहीं हो पाता।