ऑलिव ऑयल खूबियों का खजाना
कहते हैं कि हर वस्तु और व्यक्ति के दिन फिरते हैं। यह बात ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल)पर भी लागू होती है। देश में तेजी से ऑलिव ऑयल की मांग में उछाल आया है, जिसका सिलसिला जारी है। अब आप यह सवाल पूछ सकते हैं कि आखिर ऑलिव ऑयल की मांग में उछाल आने के कारण क्या हैं?
कहते हैं कि हर वस्तु और व्यक्ति के दिन फिरते हैं। यह बात ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल)पर भी लागू होती है। देश में तेजी से ऑलिव ऑयल की मांग में उछाल आया है, जिसका सिलसिला जारी है। अब आप यह सवाल पूछ सकते हैं कि आखिर ऑलिव ऑयल की मांग में उछाल आने के कारण क्या हैं? इसका जवाब है कि देश में मधुमेह (डाइबिटीज), हाई ब्लडप्रेशर और हृदय रोगों के बढ़ने के कारण सर्वाधिक तेजी से इस तेल के बाजार का विस्तार होता जा रहा है। तभी तो 31 मार्च, 2013 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में इस तेल के आयात में 66 फीसदी इजाफा हुआ यानी बीते वित्त वर्ष में 11, 916.76 लाख टन ऑलिव ऑयल का आयात हुआ था।
विशेषताएं :
अपोलो हॉस्पिटल, नई दिल्ली के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.एन. एन. खन्ना के अनुसार जिन हृदय रोगियों की एंजियोप्लास्टी व बाईपास सर्जरी नहीं हुई है, उनके लिए इस तेल का प्रयोग दिल की सेहत के लिए लाभप्रद है। वैसे हृदय रोगों से बचाव में यह तेल इसलिए सहायक है, क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट और मोनोअनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है, ये फैट्स हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक हैं। सैचुरेटेड फैट घी, तेल, मक्खन आदि वनस्पति तेलों में पाया जाता है। इसी तरह मोनोअनसैचुरेटेड फैट सीफूड्स, ऑलिव ऑयल, नट्स, अलसी के बीजों, बादाम और नट्स में पाया जाता है। मधुमेह रोगियों के लिए भी ऑलिव ऑयल लाभप्रद है।
ऑलिव ऑयल में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स (जीवन रक्षक व रोग रक्षक तत्व) पाए जाते हैं, जो कैंसर से लड़ने में सहायक हैं। इसके प्रयोग से जीवन अवधि भी बढ़ती है। वस्तुत: लोगों की क्रय शक्ति बढ़ने और आम लोगों में इस तेल के गुणों के प्रति जागरूकता उत्पन्न होने के कारण मुख्यत: शहरी क्षेत्रों में इस तेल की मांग बढ़ी है।
चिंताजनक आंकड़े :
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में हृदय रोगों के संदर्भ में जो आंकड़े पेश किए हैं, वे चिंताजनक हैं। संगठन के अनुसार सन् 2015 तक सिर्फ हृदय संबंधी बीमारियों के कारण देश में सबसे ज्यादा मौतें होने की संभावना है। देश में हृदय रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है। एक अनुमान के अनुसार 100 मिलियन (10 करोड़) लोग यानी देश की कुल आबादी में लगभग 10 फीसदी लोग विभिन्न हृदय रोगों से ग्रस्त हैं।
यही नहीं, डाइबिटीज से ग्रस्त रोगियों के मामले में दुनिया भर में देश दूसरे नंबर पर है। एक अनुमान के अनुसार देश में 61 मिलियन (6करोड़, 10 लाख) लोग डाइबिटीज से ग्रस्त हैं। इसी तरह देश में 140 मिलियन(14 करोड़) लोग उच्च रक्तचाप(हाईब्लडप्रेशर) से ग्रस्त हैं। दुनिया भर में हाई ब्लडप्रेशर से ग्रस्त कुल रोगियों में से लगभग 14 फीसदी भारतीय ही हैं। वहीं एक अनुमान के अनुसार देश में ऑलिव ऑयल के आयात का लगभग 1/5 भाग मसाज और अन्य बाहरी प्रयोग में और शेष भाग खाद्य पदार्र्थो की कुकिंग में इस्तेमाल होता है।
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