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मां के मछली सेवन से बच्चों में अस्थमा नहीं

गर्भावस्था के दौरान मछली का सेवन करने वाली महिलाओं के बच्चों में श्वसन संबंधी एलर्जी खासकर अस्थमा का खतरा आम बच्चों की तुलना में कम पाया गया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 08 Apr 2016 03:21 PM (IST)Updated: Fri, 08 Apr 2016 03:30 PM (IST)
मां के मछली सेवन से बच्चों में अस्थमा नहीं

न्यूयॉर्क। मछली के सेवन से शरीर को कई पोषक तत्व मिलते हैं। यह शारीरिक विकास के अलावा प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। इसका एक और फायदा सामने आया है।

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ब्रिटिश शोधकर्ताओं का दावा है कि गर्भवती महिलाओं द्वारा तैलीय मछली (जैसे सालमन) का सेवन करने से बच्चों में अस्थमा का खतरा काफी कम रहता है। साउथेंप्टन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, छह महीने की उम्र तक बच्चों में एलर्जी की स्थिति समान रूप से पाई जाती है। लेकिन, दो से ढाई साल बाद अंतर स्पष्ट होने लगता है। गर्भावस्था के दौरान मछली का सेवन करने वाली महिलाओं के बच्चों में श्वसन संबंधी एलर्जी खासकर अस्थमा का खतरा आम बच्चों की तुलना में कम पाया गया है। प्रोफेसर फिलिप कैल्डर ने बताया, 'गर्भावस्था के दौरान पोषक भोजन से आने वाले बच्चों की सेहत में उचित सुधार किया जा सकता है।'


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