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ब्रेन पेसमेकर प्रत्यारोपण से महिला को नई जिंदगी

चिकित्सीय क्षेत्र में हमेशा कुछ नया करने वाले कोलकाता के अपोलो ग्लेनीग्लेस अस्पताल ने एक बार फिर उल्लेखनीय काम किया है। न्यूरोसर्जन डाक्टर अनिर्बान दीप बनर्जी के नेतृत्व में डाक्टरों की एक टीम ने इनट्रेकेबल पार्किंसस बीमारी से पीडि़त 55 वर्षीय महिला शशिकला शुक्ला की जटिल सर्जरी की है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2016 02:08 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2016 02:15 PM (IST)
ब्रेन पेसमेकर प्रत्यारोपण से महिला को नई जिंदगी

जागरण संवाददाता, कोलकाता। चिकित्सीय क्षेत्र में हमेशा कुछ नया करने वाले कोलकाता के अपोलो ग्लेनीग्लेस अस्पताल ने एक बार फिर उल्लेखनीय काम किया है। न्यूरोसर्जन डाक्टर अनिर्बान दीप बनर्जी के नेतृत्व में डाक्टरों की एक टीम ने इनट्रेकेबल पार्किंसस बीमारी से पीडि़त 55 वर्षीय महिला शशिकला शुक्ला की जटिल सर्जरी की है। टीम ने आठ घंटे तक मेहनत कर न्यूरोसर्जरी के तहत महिला में ब्रेन पेसमेकर प्रत्यारोपित किया है। रिचार्जेबल मस्तिष्क पेसमेकर प्रणाली से महिला की हालत में रातों रात सुधार दिखा है। दावा किया जा रहा है कि पूर्वी भारत में अपनी तरह का यह पहला ऑपरेशन है।

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पिछले कई सालों से इस बीमारी से पीडि़त शशिकला दिव्यांग जैसा जीवन जी रही थी। वह बिना किसी की सहायता के एक कदम चलने में भी असमर्थ थी। डॉ. अनिर्बान ने बताया कि ऑपरेशन के सफल होने से इस मर्ज के शिकार हजारों लोगों के लिए उम्मीद की किरण दिखने लगी है। अब शशिकला सामान्य जीवन जी रही है। अब वह पहले की तरह सामान्य तरीके से चल-फिर सकती है। इस पूरे ऑपरेशन पर 14.5 लाख रुपये की लागत आई है। डॉ. रूपाली बसु, अध्यक्ष और सीईओ, पूर्वी क्षेत्र, अपोलो हॉस्पिटल्स समूह ने ऑपरेशन में शामिल डॉक्टरों की टीम की प्रशंसा की है।


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