Move to Jagran APP

नई दवाओं से मिलेगी ज्यादा राहत

डायबिटीज के अनियंत्रण का मुख्य कारण दवाएं छोडऩा और कभी-कभी लो शुगर के भय से कम दवाएं लेना है। आइए आपको जानकारी देते हैं डाइबिटीज के इलाज में उपलब्ध कुछ नई शोधों के बारे में, जो डाइबिटीज या मधुमेह के साथ जी रहे के लोगों के लिए उपयोगी साबित हो सकती

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2016 02:57 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2016 03:06 PM (IST)
नई दवाओं से मिलेगी ज्यादा राहत

डायबिटीज के अनियंत्रण का मुख्य कारण दवाएं छोडऩा और कभी-कभी लो शुगर के भय से कम दवाएं लेना है।

loksabha election banner

आइए आपको जानकारी देते हैं डाइबिटीज के इलाज में उपलब्ध कुछ नई शोधों के बारे में, जो डाइबिटीज या मधुमेह के साथ जी रहे के लोगों के लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं।

लम्बे समय तक काम करने वाली बेसल इंसुलिन डेग्लुडेक 25 से 30 प्रतिशत हाइपोग्लाइसीमिया की

समस्या को कम करती है। यह बेसल इंसुलिन दिन के दौरान किसी भी समय ली जा सकती है। यह उन लोगों

के लिए खासकर उपयोगी है, जो सुबह इंसुलिन का एक शॉट लेना भूल गए हों। वे किसी भी समय ले सकते हैं।

इंसुलिन पंप

हाल में भारत में नया इंसुलिन पंप 640 जी लॉन्च हुआ है। यह पंप कुछ-कुछ पैन्क्रियाज की तरह काम करता है। यह न केवल सामान्य पैन्क्रियाज के समान इंसुलिन को हमारे शरीर में डालता है बल्कि लो शुगर होने से 30 मिनट पहले यह पंप इंसुलिन बंद कर देता है। इस प्रकार यह हाइपोग्लाइसीमिया की वजह से मौत के जोखिम को समाप्त करता है।

इन्क्रेटिन्स नामक दवाएं विश्व स्तर पर बहुत लोकप्रिय हो चुकी है। लिराग्लुटाइड शुगर के नियंत्रण की दवा है,

जिसे इंजेक्शन के जरिये दिया जाता है। इसके कई फायदे हैं। यह दिन में केवल एक बार इस्तेमाल के लिए

है और यह हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या पैदा नहीं करती। आवश्यक हो तो लिराग्लुटाइड को अन्य दवाओं

के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है। लिराग्लुटाइड का उपयोग करने पर शरीर के वजन में काफी कमी,लिवर एंजाइम को सामान्य बनाना, संबंधित दवाओं और इंसुलिन की खुराक में काफी कमी दर्ज की

गई है।

ग्लिफ्लोजिन एक नई दवाओं के समूह के रूप में प्रचलन में आयी है, जिसे विश्व बाजार में बड़ी सफलता

मिल चुकी है। उदाहरण के रूप में कैनाग्लीफ्लोजिन नामक दवा। ये दवाएं रक्त में अधिक ग्लूकोज को

मूत्र के माध्यम से उत्सर्जन कर देती हैं। इससे शुगर कम होता है, वजन भी कम होता है और लो शुगर की

संभावना न के बराबर रहती है। इस ग्रुप की दवा इम्पाग्लीफ्लोजिन के संदर्भ में भी शोधों के अच्छे नतीजे

सामने आए हैं। यह दवा हृदय रोगों में भी लाभप्रद हैं।

तकनीक के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व प्रगति ग्लूकोज की जांच के लिए त्वचा के सेंसर के आविष्कार के रूप में

सामने आ चुकी है। हाल में ही इसे लांच किया गया है, जो निकट भविष्य में रक्त ग्लूकोज की निगरानी के लिए

ग्लूकोमीटर की जगह ले सकता है। लिब्रेप्रो सेंसर स्वचालित रूप से 14 दिनों के लिए हर 15 मिनट में

ब्लड शुगर का स्तर नाप लेता है।

जानें नई दवाओं के बारे में...

डाइबिटीज एक जटिल समस्या है। एक बात हम सबको समझ लेनी चाहिए कि कोई भी आविष्कार

हो, वह निकट भविष्य में डाइबिटीज को जड़ से समाप्त नहीं कर सकेगा। हां नई तकनीकों को समझने और उन्हें अपनाने से शुगर का अच्छा नियंत्रण संभव है। इन सारी नई दवाओं या यंत्रों के साथ एक बड़ी समस्या है कि ये काफी महंगी हैं।

ये आवश्यक नहीं कि आप सभी नए आविष्कारों का उपयोग करें लेकिन इनकी अच्छी जानकारी

आपको सही समय पर उपयोग करने में अवश्य मदद करेगी।

डॉ.ऋषि शुक्ला

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट

डॉ. जोथीदेव केशवदेव मधुमेह रोग विशेषज्ञ

जोथीदेवश्स डाइबिटीज रिसर्च सेंटर (त्रिवेंद्रम), केरल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.