मन से आती है मांसपेशियों में ताकत
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। इस पुरानी कहावत को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी सच साबित कर दिखाया है। आपने भी यह महसूस किया होगा कि जब किसी वजह से अचानक आपको बहुत ख़्ाुशी मिलती है तो थकान की वजह से हाथ-पैरों में होने वाला सारा दर्द
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। इस पुरानी कहावत को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी सच साबित कर दिखाया है। आपने भी यह महसूस किया होगा कि जब किसी वजह से अचानक आपको बहुत ख़्ाुशी मिलती है तो थकान की वजह से हाथ-पैरों में होने वाला सारा दर्द पल भर में $गायब हो जाता है। आपने कभी सोचा है कि इसकी क्या वजह हो सकती है? वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब ढूंढ लिया है। हाल ही में किए गए एक शोध के नतीजों के आधार पर अमेरिकी शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है कि सकारात्मक सोच और प्रसन्नता का मांसपेशियों की ताकत से भी गहरा संबंध है। अमेरिका स्थित ओहियो मस्क्युलोस्केलिटल एंड न्यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने यह शोध किया है। इसमें 15 लोगों को चार सप्ताह तक अलग-अलग माहौल में रखा गया और यह पाया गया कि प्रसन्नता के माहौल में रहने वाले समूह के सदस्यों की मांसपेशियां ज्य़ादा अच्छे ढंग से काम करने में सक्षम थीं।