धूम्रपान से याददाश्त को खतरा
धूम्रपान से कैंसर होने की आशंका तो रहती ही है, इसका याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक लंबे समय तक धूम्रपान करते रहने से दिमाग के नाजुक हिस्से सिकुड़ जाते हैं। ताजा शोध में पाया गया है कि
धूम्रपान से कैंसर होने की आशंका तो रहती ही है, इसका याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता
है। वैज्ञानिकों के मुताबिक लंबे समय तक धूम्रपान करते रहने से दिमाग के नाजुक हिस्से सिकुड़ जाते हैं। ताजा शोध में पाया गया है कि जो लोग लंबे समय से धूम्रपान कर रहे हैं, उनमें याददाश्त, भाषा और समझ से जुड़ी परेशानियां पैदा होने की आशंका रहती है। शोध के अनुसार, धूम्रपान दिमाग की बाहरी परत कोर्टेक्स के पतले होने की प्रक्रिया को तेज कर देता है। शोधकर्ता शेरिफ करामा ने कहा, 'धूम्रपान करने वालों को पता होना चाहिए कि उनकी यह आदत कोर्टेक्स केपतलेपन को बढ़ा सकती है, दुष्परिणाम उन्हें याददाश्त और समझ कम है।