Move to Jagran APP

लेसिक सर्जरी: कुछ बातों का रखें ध्यान

तमाम ऐसे लोग हैं, जो नजर वाले चश्मों से छुटकारा पाना चाहते हैं। यही कारण है कि इन दिनों लोग निगाहों के चश्मे से निजात पाने के लिए लेसिक सर्जरी का सहारा ले रहे हैं। बेशक यह नेत्र दृष्टि सुधारने का एक सरल उपाय है और इससे रोजाना चश्मा या

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2015 12:04 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2015 12:06 PM (IST)
लेसिक सर्जरी: कुछ बातों का रखें ध्यान

तमाम ऐसे लोग हैं, जो नजर वाले चश्मों से छुटकारा पाना चाहते हैं। यही कारण है कि इन दिनों लोग निगाहों के चश्मे से निजात पाने के लिए लेसिक सर्जरी का सहारा ले रहे हैं। बेशक यह नेत्र दृष्टि सुधारने का एक सरल उपाय है और इससे रोजाना चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से भी छुटकारा मिल जाता है, पर इससे पहले कि कोई शख्स यह सर्जरी करवाए, इस प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी अवश्य प्राप्त कर ले।

loksabha election banner

जरूरी जानकारियां: लेसिक सर्जरी नजर या

दृष्टि सुधारने की सबसे लोकप्रिय लेजर प्रक्रिया है।

इसमें लेजर की मदद से दृष्टि दोष के अनुकूल

पुतली (कॉर्निया) को पुन: नए सिरे से आकार दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप मरीज चश्मा पहने बगैर स्पष्ट देख सकता है। आज ब्लेडलेस लेसिक सर्जरी की मदद से लेजर के द्वारा यह विधि क ी जाती है। इस कारण यह विधि सटीक और लगभग त्रुटि रहित है। आमतौर पर यह सर्जरी 15,000 से 90,000 रुपये में करायी जा सकती है, हालांकि इसकी कीमत लेसिक सर्जरी के तरीके पर निर्भर करती है। लेसिक सर्जरी से मरीज लगभग 1 दिन बाद या कुछ घंटों बाद ही मनचाहा परिणाम प्राप्त कर सकता है। यह प्रक्रिया बहुत जल्दी खत्म हो जाती है और इसमें किसी टांके व पट्टी का प्रयोग नहीं होता। इसके अतिरिक्त यह एक पीड़ाहीन विधि है।

सजगता बरतें: हालांकि यह सर्जरी बहुत सुरक्षित और विश्वसनीय है, पर मरीज को ऑपरेशन कराने

से पहले यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि एक बार जो बदलाव कॉर्निया में कर दिए गए, उन्हें बदला नहीं जा सकता। हमारी आंखें, शरीर का सबसे नाज़ुक अंग होती हैं। इसलिए यह सर्जरी किसी अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से ही करवाएं। लेसिक सर्जरी के कोई दुष्प्रभाव नहीं होते, पर कुछ मामलों में शुरुआती दिनों में आंखों में कुछ असुविधा या सूखापन अनुभव किया जा सकता है, पर ऐसी परेशानी बहुत कम पाई जाती है।

कब कराएं: लोग अक्सर इस बात को लेकर

अनिश्चित रहते हैं कि लेसिक ट्रीटमेंट कब करवाना चाहिए। वैसे तो 18 से लेकर 50 साल की उम्र तक यह सर्जरी करायी जा सकती है, लेकिन एक बार आंखों के चश्मे का नंबर स्थिर हो जाने के बाद ही यह ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, सर्जरी कराने से पहले अपनी आंखों की पूर्ण जांच अवश्य करवाएं। किसी भी प्रकार की सर्जरी करवाने से पहले व्यक्ति को पूरी तरह स्वस्थ और सेहतमंद होना चाहिए।

याद रखें: बढ़ती उम्र के साथ जो लोग नजदीक देखने के लिए चश्मा लगाते हैं, उन पर लेसिक

सर्जरी वांछित परिणाम नहींदेती। गौरतलब है कि लेसिक सर्जरी के बेहतर नतीजे चश्मे के नंबर + 4 से लेकर - 10 तक ही हासिल होते हैं।

डॉ. राजीव जैन नेत्र रोग विशेषज्ञ, नई दिल्ली


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.