हॉर्मोन से होगा संतानहीनता का इलाज
नि:संतान दंपतियों के लिए एक अच्छी ख़्ाबर यह है कि अब हॉर्मोन रिप्लेस्मेंट थेरेपी से उनका उपचार संभव होगा। नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मानव शरीर में मौजूद किसपेप्टिन नामक एक नए हॉर्मोन की खोज की है, जो नपुंसकता और संतानहीनता के इलाज में कारगर हो सकता है।
नि:संतान दंपतियों के लिए एक अच्छी ख़्ाबर यह है कि अब हॉर्मोन रिप्लेस्मेंट थेरेपी से उनका उपचार संभव होगा। नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मानव शरीर में मौजूद किसपेप्टिन नामक एक नए हॉर्मोन की खोज की है, जो नपुंसकता और संतानहीनता के इलाज में कारगर हो सकता है।
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. साइमन के अनुसार यह हॉर्मोन पुुरुषों में सेक्स हॉर्मोन टेस्टॉस्टेरॉन और स्त्रियों में प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले हॉर्मोन एस्ट्रोजेन के सिक्रीशन को बढ़ावा देता है। यही हॉर्मोन शुक्राणुओं और अंडाणुओं को तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है। मानव शरीर में पाया जाने वाला जीन किस-1 जितना अधिक सक्रिय होता है, किसपेप्टिन हॉर्मोन का सिक्रीशन उतनी ही तेज़ी से होता है। इस हॉर्मोन का इंजेक्शन वैसे नि:संतान दंपतियों के लिए वरदान साबित होगा, जो स्पर्म या एग्स की कमी की वजह से माता-पिता नहीं बन पाते।