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न्यूरोपैथिक दर्द से पाएं राहत

न्यूरोपैथिक पेन एक जटिल और लंबे वक्त तक चलने वाला दर्द है। यह दर्द क्षतिग्रस्त व ठीक तरह से काम न करने वाले या चोटिल स्नायु (नर्व) फाइबर्स के कारण पैदा होता है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2015 03:07 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2015 03:14 PM (IST)
न्यूरोपैथिक दर्द से पाएं राहत

न्यूरोपैथिक पेन एक जटिल और लंबे वक्त तक चलने वाला दर्द है। यह दर्द क्षतिग्रस्त व ठीक

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तरह से काम न करने वाले या चोटिल स्नायु (नर्व) फाइबर्स के कारण पैदा होता है।

लक्षण

सुइयां जैसी चुभना, जलन होना, त्वचा का सुन्न पड़ जाना और तेज दर्द होना इस रोग के लक्षण

हैं। इसके अलावा बिजली के करेंट जैसा झटके के साथ दर्द होना और चींटियां जैसा काटने का

अनुभव होना न्यूरोपैथिक दर्द के लक्षण हैं।

कारण

न्यूरोपैथिक दर्द के कुछ सामान्य कारणों में शराब का अत्यधिक सेवन, डाइबिटीज होना,

एचआईवी संक्रमण, रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन और पैर व कमर संबंधी समस्या को शामिल

किया जाता है।

डायग्नोसिस

- न्यूरोपैथिक दर्द का पता लगाने के लिए डॉक्टर शारीरिक जांच करते हैं।

- आपके स्नायुओं (नव्र्स) को नुकसान पहुंचा है या नहीं, यह पता लगाने का सबसे

सामान्य तरीका है-इलेक्ट्रोमायोग्राम के साथ नर्व कंडक्शन स्टडी।

सियोमीटर जांच।

गलत धारणाएं और तथ्य- केवल डाइबिटीज से ग्रस्त व्यक्तियों को ही न्यूरोपैथिक दर्द होता है। इस तरह की धारणा गलत है। सच तो यह है कि डाइबिटीज से ग्रस्त व्यक्तियों में न्यूरोपैथिक समस्या सामान्य रूप से पायी जाती है, लेकिन कीमोथेरेपी लेने वाले, किसी तरह की चोट या बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों, ऐसे व्यक्ति जिनका

कोई अंग-भंग हो गया हो, उन्हें भी न्यूरोपैथिक दर्द हो सकता है। बढ़ती उम्र के साथ भी न्यूरोपैथिक दर्द हो सकता है।

रोकथाम

तंत्रिकाओं (नव्र्स) का दर्द कम करने के लिए डाइबिटीज पर नियंत्रण रखें। नशे से दूर रहें और

व्यायाम करें। व्यायाम से पैरों और पंजों के स्नायुओं में रक्त संचार ठीक तरह से होता है।

व्यायाम- उंगलियों और हाथों को गोल-गोल घुमाएं, पूरे शरीर की मांसपेशियों को स्ट्रेच करें।

खान- पान- में साबुत अनाज, विटामिन सी युक्त फल और हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर

और पौधों से प्राप्त वसा का सेवन लाभकारी है।

उपचार

- न्यूरोपैथिक दर्द के कारण को चिन्हित करते हुए चिकित्सा करना।

- डीकम्प्रेशन मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी के जरिये तंत्रिका पर पड़ रहे दबाव को हटाना।

- रीढ़ या आसपास के भाग में 'नर्व ब्लाक इंजेक्शन- के जरिये चिकित्सा करना।

डॉ.एस. के सिंह ऑर्थो-स्पाइन सर्जन


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