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शारीरिक सौंदर्य में लाए निखार

लेजर चिकित्सा ने एस्थेटिक मेडिसिन के क्षेत्र में शारीरिक विकारों और इनके कारण मन में उत्पन्न हुई हीनता-ग्रंथि को दूर करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है...

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2015 09:58 AM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2015 11:04 AM (IST)
शारीरिक सौंदर्य में लाए निखार

लेजर चिकित्सा ने एस्थेटिक मेडिसिन के क्षेत्र में शारीरिक विकारों और इनके कारण मन में उत्पन्न हुई हीनता-ग्रंथि को दूर करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है...

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लेजर चिकित्सा में विशेष आयाम की प्रकाश किरणों को त्वचा की विभिन्न कोशिकाओं पर अलग-अलग प्रभाव उत्पन्न करने के लिए प्रयोग किया जाता है। लेजर चिकित्सा के उपयोग

-अनचाहे बालों से स्थायी छुटकारा।

-मुंहासों और चिकनपॉक्स के कारण बने गड्ढों जैसे निशानों का स्थायी समाधान।

- अवांछित टैटू और बर्थ मार्क (जन्मजात

लक्षणों से छुटकारा)।

- तिल और मस्सों से छुटकारा।

-बर्न स्कार्स (जलने के कारण हुए निशान) में

सुधार।

- वेरिकोज वेन्स नामक रोग में सुधार।

- लेजर फेशियल।

प्रकार

लेजर कई प्रकार के होते हैं। समस्या विशेष के

लिए विशिष्ट लेजर होते हैं। जैसे-तिल, टैटू और

बर्थ माक्र्स को दूर करने के लिए- क्यू स्विच्ड

एन डी यॉग लेजर। वहीं कुछ समस्याओं में एक

से अधिक प्रकार के लेजर भी प्रभावी होते हैं।

जैसे- अनचाहे बालों को हटाने में लांग पल्स एन

डी यॉग लेजर कारगर होता है। इसी तरह मोटे

बालों की समस्या को दूर करने में डायोड लेजर

और आई पी एल लेजर पतले बालों पर अधिक

प्रभावी होता है।

सुपर हेयर रिमूवल तकनीक: इसके द्वारा हेयर

रिमूवल चिकित्सा दर्दरहित होती है और किसी

भी प्रकार की सांवली त्वचा पर चिकित्सा दी जा

सकती है। वहीं मुंहासों और चिकन पॉक्स के

गड्ढों जैसे निशानों और चोट आदि के दागों पर

सीओटू लेजर, एर्बियम याग लेजर और एर्बियम

ग्लास लेजर कहीं ज्यादा प्रभावी हैं। फ्रैक्शनल

लेजर तकनीक ने चिकित्सा के बाद के रिकवरी

समय को काफी कम कर दिया है।

एंटी एजिंग ट्रीटमेंट

अधिकतर व्यक्ति बढ़ती उम्र में भी अपेक्षाकृत

युवा दिखना चाहते हैं। बढ़ती उम्र के कारण चेहरे

पर जो विकार आ जाते हैं, उन्हें कुछ विधियों

द्वारा दूर किया जा सकता है...

बाटुलिनम टॉक्सिन: ऐसी झुर्रियां जो भावों

जैसे- हंसना, क्रोध करना या आश्चर्य करने के

साथ बनती हैं, उन पर यह तकनीक कहीं ज्यादा

प्रभावी हैं। ऐसी झुर्रियां चेहरे की मांसपेशियों के

सिकुडऩे से बनती हैं। इन्हें बाटुलिनम टॉक्सिन

(जो एक प्रकार की फफूंदी से प्राप्त होती है)

विधि के माध्यम से अस्थाई रूप से गायब किया

जा सकता है। बाटुलिनम अवांछित झुर्रियां बनाने

वाली चेहरे की छोटी मांसपेशियों को 4 से 6

महीने के लिए शिथिल कर देता है , जिससे

झुर्रियां गायब हो जाती हैं। यह विधि माथे और

आंखों के पास बनने वाली झुर्रियों में विशेष

लाभकारी है । चौड़े दिखने वाले चेहरे को

मैसेटर मांसपेशियों को शिथिल कर पतला किया

जा सकता है। आंखों की भौंहों को भी मनचाहा

आकार या उठान दिया जा सकता है।

फिलर्स ये पहले से

सिरिंज में लोड किया हुआ पारदर्शी जेल होता है । वैसे तो यह जेल कई प्रकारका होता है, परन्तु हमारे देश में मुख्यत: एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेटहाइल्यूरौनिक एसिड का इस्तेमाल होता है। यह एसिड हमारी त्वचा में प्राकृतिक रूप से उपस्थित होता है और त्वचा द्वारा पानी को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ाता है। उम्र बढऩे के साथ इसकी मात्रा कम होने लगती है और त्वचा अपनी चमक और कसाव खोने लगती है। इंजेक्शन के माध्यम से इन्हें चेहरे की त्वचा में डाला जाता है।

इसकी मदद से हम झुर्रियों जैसे- नाक से

होंठों के किनारे तक और आंखों के नीचे बन गये

काले गहरे घेरे (डार्क सर्किल) आदि को भर

सकते हैं। इसके अलावा चेहरे के जन्मजात

नैन-नक्श को भी सुधारा जा सकता है। जैसे 8

बिंदुओं का चेहरे पर चयन करके फिलर के

जरिये गोल और चौड़े दिखने वाले चेहरे को

अंग्रेजी के वी (5) सरीखे आकार में परिवर्तित

किया जा सकता है। इसी तरह नाक को शार्प

करना, पतले होंठों को ज्यादा आकर्षक बनाना

और उम्र बढऩे से गालों की वसा के नीचे

खिसकने से आने वाली लटकन को पुन: आकार

देना। इन दिनों फिलर्स का प्रयोग त्वचा को युवा

बनाने के लिए भी हो रहा है।

डॉ. प्रभा सिंह एस्थेटिक सर्जन

4 लाएंगे होंठों पर चमक

दमक उठे रूप


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