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एंडोमीट्रियोसिस अब अभिशाप नहीं रहा

एंडोमीट्रियोसिस अब अभिशाप नहीं रहा संतानहीनता के प्रमुख कारणों में एक कारण एंडोमीट्रियोसिस नामक रोग है, जिसका अब कारगर इलाज संभव है...

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2015 01:24 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2015 01:30 PM (IST)
एंडोमीट्रियोसिस अब अभिशाप नहीं रहा

संतानहीनता के प्रमुख कारणों में एक कारण

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एंडोमीट्रियोसिस नामक रोग है, जिसका अब कारगर इलाज संभव है...

एंडोमीट्रियोसिस गर्भाशय से जुड़ी एक समस्या है। यह समस्या महिलाओं की

प्रजनन क्षमता को सर्वाधिक प्रभावित करती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि गर्भधारण करने और

बच्चे को जन्म देने में गर्भाशय की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

क्या है रोग का स्वरूप: गर्भाशय की अंदरूनी पर्त की कोशिकाओं के आसामान्य विकास को

एंडोमीट्रियोसिस नामक रोग कहा जाता है। यह समस्या तब होती है, जब कोशिकाएं गर्भाशय के

बाहर विकसित हो जाती हैं, जिसे एंडोमीट्रियोसिस इंप्लांट कहते हैं। ये इम्लांट्स सामान्यत: अंडाशय,

फैलोपियन ट्यूब्स, गर्भाशय की बाहरी सतह पर, आंत व पेल्विक गुहा की सतह पर पाए जाते हैं।

ये वेजाइना, सरविक्स और यूरीनरी ब्लैडर पर भी पाये जा सकते हैं, लेकिन पेल्विस के दूसरे स्थानों

की बजाय यहां सामान्यता कम पाए जाते हैं।

कारण: एंडोमीट्रियोसिस महिलाओं को उनके प्रजनन काल के दौरान प्रभावित करता है।

एंडोमेट्रियोसिस के अधिकतर मामले 25-35 वर्ष की महिलाओं में देखे जाते हैं ।

लक्षण: अधिकतर महिलाओं में एंडोमीट्रियोसिस के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन जो

लक्षण दिखाई देते हैं, उनमें मासिक चक्र (पीरियड्स) के समय अत्यधिक दर्द होता है।

इस दर्द की तीव्रता हर महीने बदल सकती है और अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग हो

सकती है। पेल्विक पेन (पेट के निचले भाग में दर्द) होना। यह दर्द कई दिनों तक जारी रह

सकता है, इससे कमर में दर्द ओर पेट में दर्द भी हो सकता है। यह पीरियड्स शुरू होने से पहले

हो सकता है और कईं दिनों तक चल सकता है।

संतानहीनता से संबंध: जो महिलाएं एंडोमीट्रियोसिस से ग्रस्त हैं, उनमें से 35-50 प्रतिशत महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या होती है। इसके कारण फैलोपियन ट्यूब बंद हो जाती हैं। इस कारण अंडाणु और शुक्राणु का

निषेचन नहीं हो पाता। कभी-कभी अंडाणु या शुक्राणु को भी नुकसान पहुंचता है। इससे भी

गर्भधारण नहीं हो पाता। जिन महिलाओं में यह समस्या गंभीर नहीं होती उन्हें गर्भधारण करने में

अधिक समस्या नहीं होती।

इलाज : मासिक चक्र (पीरियड्स) के दौरान होने वाले रक्तस्राव और दर्द भरे शारीरिक संपर्क

को गंभीरता से लें। स्थितियों के अधिक गंभीर होने से पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें। इस रोग

के उपचार के लिए दवाएं और सर्जरी का उपयोग किया जाता है। हार्मोन थेरेपी भी इस रोग के

उपचार के लिये की जाती है, क्योंंिक मासिक धर्म के दौरान होने वाले हार्मोन परिवर्तन के कारण भी

यह समस्या हो जाती है। हार्मोन थेरेपी एंडोमीट्रियोसिस की वृद्धि को धीमा करती है।

एंडोमेट्रियोसिस के कारण होने वाली संतानहीनता की समस्या के लिये डॉक्टर सर्जिकल उपचार को

सबसे बेहतर मानते हैं।

क्षितिज मुर्डिया

इंदिरा इनफर्टिलिटी क्लीनिक एंड

टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर, नई दिल्ली


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