Move to Jagran APP

कैसी हो टीनएज की डाइट

उम्र के इस दौर में शरीर में कई बदलाव आते हैं। ये बदलाव न केवल शारीरिक, बल्कि भावनात्मक एवं मानसिक भी होते हैं। इस लिहाज से यह जरूरी है कि आहार में पर्याप्त पोषक तत्व मौजूद हों। यहां दी गई कुछ बातों का ध्यान रखकर फिट और स्वस्थ रहा जा सकता है। -अपने दिन की शुरुआत अच्छे ब्रेकफा

By Edited By: Published: Sat, 19 Jul 2014 01:29 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jul 2014 01:29 PM (IST)
कैसी हो टीनएज की डाइट

उम्र के इस दौर में शरीर में कई बदलाव आते हैं। ये बदलाव न केवल शारीरिक, बल्कि भावनात्मक एवं मानसिक भी होते हैं। इस लिहाज से यह जरूरी है कि आहार में पर्याप्त पोषक तत्व मौजूद हों। यहां दी गई कुछ बातों का ध्यान रखकर फिट और स्वस्थ रहा जा सकता है।

loksabha election banner

-अपने दिन की शुरुआत अच्छे ब्रेकफास्ट से करना पोषण संबंधी समस्याओं को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है। जब जरूरी पोषक तत्व दिन की शुरुआत में ही शरीर को मिल जाएं तो चीजें सारे दिन सामान्य रह पाती हैं। ब्रेकफास्ट में भरवां रोटी या दलिया, ओट्स आदि होना जरूरी है। साथ ही एक गिलास बनाना, मैंगो या मिल्क शेक।

-15-20 वर्ष की आयु के बीच पर्याप्त कैलोरी जरूरी डाइट से मिलती है। जरूरत से कम या जरूरत से ज्यादा भोजन, दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। हालांकि आमतौर पर यह माना जाता है कि अल्प पोषण तब होता है, जब पर्याप्त भोजन नहीं मिलता, लेकिन हैरत की बात है कि अल्पपोषण तब भी होता है जब भोजन काफी मात्रा में लिया जाए।

-कैंटीन या कैफेटेरिया में सप्ताह में एक-दो बार से अधिक भोजन न करें। कैंटीन में आमतौर पर उपलब्ध चिप्स या समोसे के बजाय इडली, राजमा-चावल, कढ़ी-चावल का चयन ज्यादा ठीक होगा। बेहतर होगा कि कोई एक फल खाएं। मसलन आम, सेब, संतरा या केला।

-घर से खाना ले जाना इस उम्र को गंवारा नहीं। ऐसे में टिफिन/लंच पैक को अधिक आकर्षक बनाना जरूरी है। भरवां पराठे ज्यादातर बच्चों को उबाऊ लगते हैं, लेकिन उसी परांठे को अगर काठी रोल स्टाइल में तैयार किया जाए तो हर कोई खाने को तैयार हो जाएगा।

-परांठे अलग-अलग अनाज के आटों को मिलाकर बनाए जा सकते हैं। परांठों में विभिन्न प्रकार का मसाला, पनीर, स्प्राउट्स, काले चने या राजमा की स्टफिंग करके उन्हें अधिक पौष्टिक और लाजवाब बनाया जा सकता है। इसी तरह भुनी हुई शकरकंद, मक्का या सिंके हुए आलुओं से स्नैक्स तैयार किए जा सकते हैं।

-इस उम्र में कैल्शियम और आयरन की कमी आम बात है। दूध की जगह अन्य पेय पदार्र्थो के सेवन से आहार में कैल्शियम की कमी होना लाजिमी है। इस आयु में हड्डियों का विकास होता है। हड्डियों के विकास के लिए आहार में कम से कम 1200 मिग्रा कैल्शियम जरूरी है। इसलिए मिल्क शेक, जूस, लस्सी, फलों का रस आदि ले सकते हैं।

-आजकल हाई ब्लडप्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएं अधिक देखने को मिलती हैं। ब्लडप्रेशर बढ़ने का मुख्य कारण भोजन में प्रोसेस्ड फूड का होना है। प्राकृतिक रूप से मिलने वाले पदार्र्थो में सोडियम का स्तर प्रोसेस्ड फूड की अपेक्षा तीन से चार गुना अधिक होता है। किशोरों में बढे़ हुए कोलेस्ट्रॉल का कारण अधिक सैचुरेटेड और ट्रांस फैट वाले आहार के साथ-साथ कम शारीरिक गतिविधि करना है। ऐसे में साल्टेड स्नैक्स, पैकेट बंद फूड से जहां तक हो सके, दूर रहना जरूरी है।

(नीलांजना सिंह, न्यूट्रिशनिस्ट)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.