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मौसम से पहले खुद को बदलें

आ गए हैं सर्दियों के साथ ही बदन पर जमा चर्बी की परतों को भी अलविदा कहने के दिन। आइए, पानी की मदद से शरीर को पिघलाएं, गर्मियों में जश्न के लिए तैयार हो जाएं...

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 18 Feb 2017 11:35 AM (IST)Updated: Sat, 18 Feb 2017 04:31 PM (IST)
मौसम से पहले खुद को बदलें

इतिहास और मौसम, दोनों खुद को दोहराते हैं। गुनगुनी सर्दियों के बाद अब दौर है गर्मियों की सुनहरी शुरुआत का। सुबह-शाम हल्की ठंड और दोपहर में खुशगवार धूप बता रही है कि हौले-हौले मौसम बदल रहा है। सजग रहे तो मौसम का यह बदलाव खुशियां लाएगा लेकिन अगर जरा सी भी लापरवाही हुई तो बीमार कर जाएगा। कुदरत और इसकी खूबसूरती को एक स्वस्थ शरीर ही पूरे आनंद के साथ महसूस कर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि यह हर बदलते मौसम के साथ ढल जाने के लिए अनुकूल हो। इसके लिए आवश्यक शर्त है इम्यूनिटी और उसकी सबसे बड़ी जरूरत है शरीर का अपने मूल रूप में रहना।

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विजातीय, विषैले अथवा अनावश्यक तत्वों से मुक्त रहना। आज की जीवनशैली कुछ ऐसी है कि चाहे-अनचाहे हम शरीर को उन चीजों-आदतों से भरते रहते हैं जिनका आखिरी परिणाम नुकसान के अतिरिक्त कुछ नहीं होता है। जरूरत से ज्यादा खाना, शरीर के लिए गैरजरूरी पोषक तत्वों की खुराक में अधिकता, नशीले पदार्थों का इस्तेमाल; यह कुछ ऐसी बातें हैं जो शरीर और दिमाग को अनावश्यक रूप से बोझिल, भारी और कुंद बनाती है। पूरब हो या पश्चिम, यह समस्या धरती के दोनों भागों में हैं और इसीलिए इसके सांस्कृतिक समाधान भी उपस्थित हैं। शरीर को हल्का रखने की यह प्रक्रिया पूरब में उपवास के रूप में दिखती है तो वहीं पश्चिमी सभ्यता इसे ‘डिटॉक्सिफिकेशन प्रॉसेस’ कहती है। इस प्रक्रिया में शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाकर उसे गैर-जरूरी तत्वों से मुक्त किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि डाइटीशियंस ने डिटॉक्सिफिकेशन में नए-नए प्रयोग करके इसे एक उबाऊ प्रक्रिया की जगह टेस्टी ट्रीट में तब्दील कर दिया है।

अगर आप भी गर्मियों के मौसम में स्वस्थ और सुडौल रहना चाहते हैं तो यही वक्त है कि रजाई-कंबल को रोल करें और खुद को एक स्पेसिफिक डिटॉक्स प्रोग्राम के लिए तैयार करें। देखिए न, सर्दियों की खुराक किस तरह से चर्बी की तहों के रूप में बदन पर जम चुकी है। आलू के पराठों, गाढ़ी ग्रेवीदार सब्जियों और शादी की दावतों का असर चेहरे से लेकर चाल तक साफ दिखाई दे रहा है। कैजुअल से लेकर ओकेजनलपार्टियों तक में, ‘सोशल’ होने का सबूत आंखों के नीचे झलक रहा है। क्या यही सब लेकर गर्मियों की छुट्टियों में गोवा जाने का इरादा है? लगा न झटका! तो बस बहुत हुआ। चलिए गर्मियों में खुलने-खिलने की तैयारी अभी से शुरू करते हैं। अकेले नहीं, पूरे परिवार के साथ। डिटॉक्सिफिकेशन की प्रक्रिया बहुत आसान है। सरल शब्दों में समझें तो यह शरीर को अंदर से साफ करने की साधारण सी प्रक्रिया है और इसका प्रमुख तत्व है पानी। इसकी मात्रा बढ़ाकर आप शरीर को बस अच्छी तरह से हाइड्रेट करते हैं और विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम शरीर खुद-ब-खुद करता है। यद्यपि, दिन में कई बार सादा पानी पीना डिटॉक्सिफिकेशन के लिए पर्याप्त है लेकिन आधुनिक जीवनशैली की जरूरतों के मुताबिक डाइटीशियंस इसके लिए फ्लेवर्ड वॉटर तथा फू्रट जूस की सिफारिश करते हैं।

गर्मियों के मौसम में फ्लेवर्ड वॉटर की जरूरत को हम हिंदुस्तानियों से बेहतर भला कौन जानता है, जहां घर-घर में खस के शर्बत से लेकर पना तक की हरवक्त तैयारी रहती है। डिटॉक्सिफिकेशन प्रोसेस में फर्क है तो बस इतना कि आपके फ्लेवर्ड वॉटर में चीनी अथवा नमक नहीं डाला जाता है। नतीजतन एक ऐसा पेय पदार्थ सामने आता है जिसमें सुगंध, फलों और वनस्पतियों के पोषक तत्व तथा विटामिन शामिल होते हैं और जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को रफ्तार देता है। आप संतरे, अन्ननास, स्ट्रॉबेरी आदि को दालचीनी जैसे मसालों और पुदीने की पत्तियों के साथ मिलाकर फ्लेवर्ड वॉटर तैयार कर सकते हैं। यह तो केवल एक उदाहरण है, आप अपनी पसंद के अनुसार कई प्रयोग कर सकते हैं पर ध्यान रहे कि चीनी और नमक का परहेज रखना है। ऐसा ही एक मिश्रण आजमाकर तो देखिए। बस, अपने मनपसंद फलों के छोटे टुकड़ों को पुदीने की पत्तियों और नींबू के टुकड़ों के साथ मलमल के एक टुकड़े में बांध दें। इसे 12-14 घंटे के लिए पानी में पड़ा रहने दें और फिर लीजिए इसका आनंद। तबियत खराब हो या मूड, एक ग्लास जूस दोनों को चियरअप करने के लिए काफी है।

बात जब शरीर को फिट रखने और डिटॉक्सिफिकेशन की हो तो फलों के रस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। फलों और सब्जियों के मिश्रित रस अथवा कुछ चुनिंदा सब्जियों-वनस्पतियों का रस भी बेहद फायदेमंद होता है बशर्ते आप इसे मुंह बनाए बिना पी जाएं। इनका स्वाद बढ़ाने के लिए पुदीना, नींबू, अदरक आदि का इस्तेमाल करने में कोई मनाही नहीं है लेकिन यहां भी नमक और चीनी का परहेज जारी रहेगा। फू्रट जूस के नाम पर बाजार में बिकने वाले चीनी के पैकेटबंद फ्लेवर्ड घोल से बचें। इनमें केवल नाममात्र फल अथवा कई बार तो केवल फलों की एसेंस होती है। बेहतर यह रहेगा कि घर में ही फलों का रस निकालें, साफ-सफाई से किया गया काम होने की वजह से आपको गिलास भरके पोषण और फाइबर दोनों मिलेंगे।

स्ट्रॉबेरी-लाइम वॉटर इन मिंट
जरूरत होगी: लगभग एक दर्जन स्ट्रॉबेरी, नींबू, पुदीने की ताजी पत्तियां, एक चुटकी दालचीनी पाउडर
इसे ऐसे बनाएं:
स्ट्रॉबेरी को छीलकर टुकड़े कर लें। नींबू को गोल टुकड़ों में काट लें। पुदीने की 8-10 पत्तियों और दालचीनी पाउडर के साथ स्ट्रॉबेरी और नींबू के टुकड़ों को एक सामान्य जार भर पानी में डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। वैसे तो इसे यूं ही पिया जा सकता है लेकिन मन और मौसम के मुताबिक इसमें बर्फ मिलाना चाहें तो कोई मनाही नहीं है।

प्रस्तुति- मनीष त्रिपाठी


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