स्तन कैंसर हर गांठ कैंसरस नहीं होती
स्तन कैंसर से संबंधित अनेक भ्रांतियां व्याप्त हैं, जिनका तथ्यों की रोशनी में निराकरण करना जरूरी है... भ्रांति- स्तन में गांठ होने का मतलब है कि आपको स्तन कैंसर है। तथ्य- यदि आपको स्तन में गांठ या अन्य किसी प्रकार के परिवर्तन का पता चलता है, तो शीघ्र ही किसी विशेषज्ञ
स्तन कैंसर से संबंधित अनेक भ्रांतियां व्याप्त हैं, जिनका तथ्यों की रोशनी में निराकरण करना जरूरी है...
भ्रांति- स्तन में गांठ होने का मतलब है कि आपको स्तन कैंसर है।
तथ्य- यदि आपको स्तन में गांठ या अन्य किसी प्रकार के परिवर्तन का पता चलता है, तो शीघ्र ही किसी विशेषज्ञ को दिखाएं। इसे लेकर घबराएं नहीं, क्योंकि स्तन से संबंधित 10 में से 8 गांठें बिनाइन या कैंसर
रहित होती हैं। फिर भी, आपके मन में इस बात को लेकर डर होगा कि पता नहीं जांच में क्या निकलेगा, इसलिए डॉक्टर को दिखाने में देर न करें। विशेषज्ञ डॉक्टर के परामर्श पर नियमित रूप से सही ढंग से स्तन का स्वयं परीक्षण करना सीखें।
भ्रांति- जिनके परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास रहा हो, उन परिवारों की महिलाओं को ही यह रोग होने का खतरा होता है।
तथ्य- महिलाओं में स्तन कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मामलों में परिवारिक इतिहास समेत जोखिम भरा कोई भी स्पष्ट कारण नहीं
पाया जाता। इस रोग का पारिवारिक इतिहास होने पर इसका जोखिम अवश्य बढ़ जाता है, लेकिन, स्तन कैंसर का पारिवारिक इतिहास नहीं होने पर भी स्तन कैंसर के जोखिम खत्म नहीं होते।
भ्रांति- अंडरवायर ब्रा पहनने से स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
तथ्य- ऐसा दावा किया गया है कि अंडरवायर ब्रा स्तन की लसीका प्रणाली (लिम्फेटिक सिस्टम)को दबाकर नुकसानदेह पदार्थ पैदा
करती है। ये पदार्थ स्तन के टिश्यूज में जमा होते हैं और स्तन कैंसर की संभावना को बढ़ाते हैं। हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। चिकित्सा जगत में इस बात को लेकर आम सहमति है कि
अंडरवायर ब्रा या टाइट अंतर्वस्त्र का स्तन कैंसर से कोई संबंध नहीं है, लेकिन अन्य विकल्प उपलब्ध होने पर और किसी भी तरह का संदेह होने पर उससे बचना बेहतर है।
भ्रांति- छोटे स्तन वाली महिलाओं को स्तन कैंसर होने का खतरा कम रहता है।
तथ्य- स्तन का आकार स्तन कैंसर होने के खतरे को प्रभावित नहीं करता। सभी महिलाओं को, चाहे उनके स्तन का आकार कुछ भी हो, नियमित रूप से स्तन कैंसर की जांच करानी चाहिए।
भ्रांति- हर साल मैमोग्राम कराने पर आप बहुत अधिक रेडिएशन के संपर्क में आते हैं, जिससे महिलाओं में स्तन कैंसर होने का
खतरा बढ़ जाता है।
तथ्य- मैमोग्राम में रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इसकी मात्रा इतनी कम होती है कि इसकी संभावित कमियों की तुलना में स्तन कैंसर का जल्द पता चलने के लाभ महत्वपूर्ण साबित होते हैं। छोटी से
छोटी गांठ जो हाथ के स्पर्श से भी महसूस नहीं होती, उसकी भी जानकारी मैमोग्राम से हो जाती है। हालांकि अत्यधिक संवेदनशील 4डी अल्ट्रासाउंड मशीनों के आविष्कार होने से एक अच्छा सो नोमैमोग्राम (स्तन का अल्ट्रा साउंड) किसी खतरे के बगैर समान रूप से
प्रभावी हो सकता है। किसी प्रकार का संदेह होने पर एक और जांच पड़ताल के रूप में मैमोग्राम किया जा सकता है।
इस प्रकार विकिरण के कम नुकसान से भी बचा जा सकता है।
डॉ.ऊषा माहेश्वरी स्तन रोग विशेषज्ञ अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली