इंश्योरेंस का क्लेम लेने के लिए रचा लूट का ड्रामा
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 4 सितंबर को खजूरी गांव के पास गन्ने के खेत में बंधे मिले व्यक्ति के
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 4 सितंबर को खजूरी गांव के पास गन्ने के खेत में बंधे मिले व्यक्ति के मामले में रोचक मोड़ आया है। जो व्यक्ति खेत में मिला था, उसके किसी ने लूटा नहीं था, बल्कि उसने खुद ही अपनी लूट का सारा ड्रामा रचा था। यह ड्रामा उसने ऑटो की इंश्योरेंस राशि को हड़पने के लिए रचा था। सीआइए ने आरोपी और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया है। सीआइए ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है।
गन्ने के खेत में बंधा मिला था हरपाल
खुदी गांव के हरपालदास ने 4 सितंबर को पुलिस को सूचना दी थी कि वह सुबह चार बजे अपने ऑटो में खजूरी गांव की तरफ जा रहा था। जब वह खुर्दी नहर पुल के पास पहुंचा तो तीन लोगों ने उसे रोक लिया और उसके साथ मारपीट की। इसके बाद आरोपियों ने उसे कपड़े से गन्ने के खेत में बांध दिया। इसके बाद आरोपी उसका थ्री व्हीलर, मोबाइल फोन, 2700 रुपये नकद, आधार कार्ड और वोटर कार्ड लेकर फरार हो गए। तब एक राहगीर ने उसे खेत में बंधे देखा था और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद जांच का जिम्मा सीआइए इंचार्ज संदीप कुमार को सौंपा। उन्होंने एसआइ मोहनलाल ने नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। सीआइए को शक हुआ कि जब कोई व्यक्ति खेत में गन्ने से बंधा हो तो वह आसानी से खुद को छुड़ा सकता है। पुलिस का पहला शक हरपालदास की तरफ ही गया। हरपाल के खिलाफ सबूत जुटते गए। पुलिस ने हरपाल को बुलाकर पूछताछ की। परंतु वह कुछ नहीं बता रहा था। जब सीआइ ने सख्ती से उससे पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया।
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इंश्योरेंस राशि का आया था लालच
डीएसपी अजय राणा ने बताया कि हरपालदास के पास एक ऑटो था। वारदात से कुछ दिन पहले उसने अपना ऑटो जगाधरी के एक कबाड़ी के पास 10 हजार रुपये में बेच दिया था। हरपाल ने अपने ऑटो का करीब 1.70 लाख रुपये का इंश्योरेंस कराया हुआ था। हरपाल ने 1.70 लाख रुपये की राशि को हड़पने की साजिश रची। 4 सितंबर को हरपाल अपने घर से निकला था। तभी उसने फोन कर गांव खजूरी में रहने वाले रिश्ते में चाचा लगने वाले 60 वर्षीय ¨सगराम को नहर किनारे बुला लिया। हरपाल ने उसे सारी बात बताई। उसने ¨सग राम को बताया कि वह उसे गन्ने के खेत में बांध दे। बांधने के बाद ¨सग राम घर चला गया।
ऐसे पकड़ में आया हरपाल
जब पुलिस ने हरपाल के बयान दर्ज किए थे, तो उसने बताया था कि तीनों आरोपी उसका मोबाइल भी छीन कर ले गए है, लेकिन तीन-चार दिन बाद ही हरपाल ने उसी मोबाइल में अपने साले से सिम लेकर डाल लिया। ईएमआइ नंबर ने सीआइए ने फोन को ट्रेस कर लिया। क्योंकि जो मोबाइल आरोपी छीन ले गए थे वो हरपाल दास के पास कैसे आया। इस पर पुलिस ने हरपाल दास को गिरफ्तार कर लिया। ¨सगराम का कहना है कि हरपाल को पैसे मिल जाएंगे यही सोच कर उसने उसे खेत में बांधा था। इसके बदले में उसे कोई पैसा नहीं मिलने वाला था। वह बेकसूर है। अब पुलिस ने लूट का मुकदमा रद कर हरपाल दास व ¨सग राम के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।
लूट का मामला भी निकला झूठ
25 अगस्त को दड़वा के निकट 50 हजार रुपये छीनने का दड़वा निवासी संदीप ने मामला दर्ज कराया था, वह भी फर्जी निकला। संदीप ने पुलिस को शिकायत दी थी कि वह अपने दोस्त गांव के ही सोनू के साथ बाइक पर पेमेंट लेने के लिए सफायर होटल जगाधरी के पास आए थे। पेमेंट लेकर जब वे गांव लौट रहे थे तो दड़वा के निकट तीन बदमाशों ने उनकी बाइक को रुकवा कर चाकू की नोक पर उनसे 50 हजार रुपये छीनकर ले गए। इस वारदात को सुलझाने के लिए सीआइए इंचार्ज संदीप कुमार ने एसआइ सुभाष के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया। टीम ने संदीप कुमार व सोनू से गहन पूछताछ की। जिस व्यक्ति से संदीप ने 50 हजार रुपये लिए थे उसने किसी तरह की पेमेंट करने से मना कर दिया। इस पर सीआइए का शक संदीप की तरफ गया। सीआइए ने संदीप से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे गांव के कुछ लोगों के पैसे देने थे। इसलिए उसने योजना बनाकर यह झूठी सूचना पुलिस को दी। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त दोनों आरोपी संदीप व सोनू के खिलाफ पुलिस को झूठी सूचना देने के संबंध में कानूनी कार्रवाही शुरू कर दी गई है।