दिनभर भटकते रहे जेबीटी, शाम को मिला नियुक्ति पत्र
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 32 माह के कड़े संघर्ष के बाद शनिवार शाम को आखिरकार जेबी
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
32 माह के कड़े संघर्ष के बाद शनिवार शाम को आखिरकार जेबीटी शिक्षको को ज्वाइ¨नग लेटर मिल ही गया। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सुबह से ही ज्वाइ¨नग लेटर लेने वालों का धक्का लगा रहा। कुल 1006 जेबीटी को नियुक्ति पत्र मिलने थे, लेकिन शाम सात बजे तक करीब सात सौ को ही पत्र मिल सके। देर शाम तक भी लेटर देने का काम जारी था। ज्वाइ¨नग के लिए दो दिन से भटक रहे जेबीटी की थकान शाम को नियुक्ति पत्र मिलते ही काफूर हो गई।
नवनियुक्त जेबीटी सुबह से ही ज्वाइ¨नग लेटर के लिए भटकते रहे। यमुनानगर में कुल 1006 जेबीटी को नियुक्ति पत्र दिए जाने थे। इनमें 150 यमुनानगर हैं, जबकि बाकी प्रदेश के विभिन्न जिलों से हैं। अनजान होने के कारण दूसरे जिलों से आए जेबीटी व उनके परिजन यहां वहां भटकते रहे। कइयों को तो काफी देर तक डीईईओ कार्यालय का पता ही नहीं चला, क्योंकि यह कार्यालय हुडा के सेक्टर-18 के बीचोबीच स्थित है। इसलिए बाहर से आने वाले लोगों को तो दूर जिला के ज्यादातर स्थानीय लोगों को भी नहीं पता की यह कार्यालय कहां पर है। ऐसे में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सारी रात हुआ वेरीफेकेशन
डीईईओ कार्यालय में नियुक्ति पत्र देने से पहले सभी के दस्तावेजों की वेरीफिकेशन की गई और यह काम सारी रात कार्यालय में चलता रहा। क्योंकि कार्यालय में नियुक्ति के फार्म सुबह की बजाय शुक्रवार शाम को पहुंचे थे इसलिए समय से वेरीफिकेशन का काम शुरू नहीं हो सका। इसके लिए कार्यालय में छह काउंटर व छह कमेटियां बनाई गई थी। देर शाम से शुरू हुआ यह काम शनिवार सुबह छह बजे तक हुआ। यही वजह है कि नियुक्ति पत्र देने का काम भी शाम को ही शुरू हुआ।
कोई बच्चे के साथ आया तो कोई पत्नी के
रेवाड़ी के विजय नगर में रहने वाले हरीश ने बताया कि उसकी पत्नी पूनम यादव ने जेबीटी की परीक्षा पास की थी। उसका नियुक्ति पत्र लेने के लिए दो दिन से यहां आए हुए हैं। दो दिन से काफी परेशान हैं। पत्नी नियुक्ति पत्र के लिए लाइन के लगी है और वह बच्चे को संभाल रहा है। खाने के लिए रोटी भी बाजार से खरीदनी पड़ी। इसी तरह नरवाना के सुदकन कलां के मुकेश का कहना है कि वह सुबह अपने पति व बच्चे के साथ यहां नियुक्ति पत्र लेने आई है। कार्यालय तलाशने में काफी परेशानी हुई। दिल्ली की कमला का कहना है कि उसकी बेटी को आज नियुक्ति पत्र मिलना था। इसलिए वह भी उनके साथ आई क्योंकि उसके बेटी के पास एक बेटी है जो बहुत छोटी है। उसे संभालने के लिए साथ आना पड़ा। बेटी को नौकरी मिल रही है इसलिए थोड़ी परेशानी झेल सकते हैं।
खुशी का नहीं रहा ठिकाना
नियुक्ति पत्र लेने के बाद जगदेव ¨सह, सर्वप्रीत ¨सह, प्रवीण कुमार, अभिनव, नवीन, मुकेश, रोहताश, निशा, सुदेश सारन, रमनदीप ने बताया कि उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। काफी समय से इसके लिए ¨चता में थे। बार-बार टेंशन सता रही थी कि पता नहीं नौकरी मिल पाएगी या नहीं। परंतु अब पत्र मिल गया है इसलिए अब टेंशन खत्म हो गई है।
12 तक होगा मेडिकल
नियुक्ति पत्र मिलने के बाद अब सभी जेबीटी को अपना मेडिकल कराना होगा। यह काम सोमवार से शुरू होगा। स्कूल में ज्वाइ¨नग की अंतिम तारीख 12 मई है। अब जेबीटी टीचर को ¨चता इस बात की सता रही है कि अस्पताल में मेडिकल कराने में पता नहीं कितनी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि सीएमओ को चाहिए अस्पताल में मेडिकल के लिए अलग से कई काउंटर बनाएं जाएं। ताकि किसी को दिक्कत न झेलनी पड़े और अंतिम तारीख से पहले सभी का मेडिकल हो जाए।
जारी है पत्र देने का काम : डीईईओ
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार का कहना है कि जेबीटी को नियुक्ति पत्र देने का काम जारी है। करीब सात सौ को शाम तक पत्र दे चुके हैं। ज्वाइ¨नग की अंतिम तारीख 12 मई है। सोमवार से सभी का मेडिकल सिविल अस्पताल में होगा।
संगठन को मजबूती मिलेगी : जगजीत
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान जगजीत ¨सह का कहना है कि जेबीटी को नियुक्ति पत्र देने के लिए वे सरकार का धन्यवाद करते हैं। इस नियुक्ति से हमारे संगठन को मजबूती मिलेगी। प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्य भी दो दिन से नियुक्ति पत्र दिलाने में लगे रहे।
20 अप्रैल को हटाया था स्टे
वर्ष 2012 में प्रदेश कांग्रेस सरकार ने जेबीटी की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद लिखित परीक्षा हुई। 14 अगस्त, 2014 में परीक्षा का परिणाम आया। इसी बीच मामला हाई कोर्ट में चला गया और ज्वाइ¨नग पर स्टे लग गई। नवनियुक्त जेबीटी ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट की डबल बैच ने 20 अप्रैल 2017 ज्वाइ¨नग से स्टे हटा दी। शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद प्रदेश की मनोहर सरकार ने जेबीटी को 24 घंटे में नियुक्ति पत्र देने की बात कही। लेकिन फैसले की कॉपी देरी से मिलने से नियुक्ति पत्र देने का भी देरी से शुरू हुआ।