हाईवे के गड्ढों पर पैचवर्क का लगा रहा मरहम
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर के बीचोबीच गुजर रहे सहारनपुर-रुड़की हाईवे के गड्ढ
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर के बीचोबीच गुजर रहे सहारनपुर-रुड़की हाईवे के गड्ढों पर पैचवर्क कर मरहम लगाने का काम किया जा रहा है, लेकिन साथ ही गड्ढों से बजरी बाहर निकलती जा रही है। दिन में काम होने से जाम की स्थिति बनी रहती है। वाहन रेंग कर चलते हैं।
जगाधरी बस स्टैंड से विश्वकर्मा चौक तक हाईवे पर सैकड़ों गड्ढे हो चुके हैं। गड्ढों के कारण जहां वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगे हैं, जबकि जाम की समस्या भी आम हो गई। सुबह ही लेबर लघु सचिवालय के नजदीक गड्ढों में पैचवर्क करने पहुंच जाती है, जबकि कन्हैया चौक से ही गड्ढों की शुरुआत हो जाती है। इन गड्ढों को छोड़ दिया जा रहा है। कार्य के दौरान मार्ग के बीचोबीच कोई वाहन खड़ा कर दिया जाता है, जिस कारण जाम जैसे स्थिति हो जाती है।
'रात को भरे जाएं गड्ढे'
शहरवासी राजबीर, मुकेश, पर¨मद्र ¨सह, विपिन गोयल आदि ने बताया कि पैचवर्क करना अच्छी बाती है। इससे वाहन चालकों को सहूलियत मिलेगी। दिन के बजाय अगर यह कार्य रात को किया जाए तो बेहतर होगा, क्योंकि दिन के समय वाहनों का दबाव अधिक रहता है, जो रात केा आधा रह जाता है। रात को पैचवर्क होने से जाम की स्थिति नहीं होती है।
दूसरे गड्ढों को भी ली जाए सुध
पैचवर्क स्थल पर ही केवल गड्ढे नहीं है। इससे आगे भी बहुत से गड्ढे हैं, जिनका भरा जाना जरूरी है। क्योंकि मार्ग पर वाहनों का दबाव बहुत ज्यादा है। इससे मार्ग की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस हाईवे से होकर दो और राज्यों के वाहन चालक प्रयोग करते हैं। इसमें पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लोग भी इस रास्ते से होकर निकलते हैं। हरिद्वार से आने व जाने वाले लोगों को यही प्रमुख रास्ता है।
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नए सिरे से बने मार्ग
हरिनगर निवासी रवि ठाकुर कहते हैं कि हाईवे चकाचक होना चाहिए। पैचवर्क करना कोई हल नहीं है। ऐसे पैचवर्क का क्या फायदा की साथ ही बजरी बाहर निकल आए। आने वाले दिनों में इससे परेशानी कम होने की बजाए बढ़ेगी। प्रशासन को चाहिए कि पूरी सड़क को नए सिरे से बनाना चाहिए, जिससे समस्या से निजात मिल सके।
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हादसे का रहता अंदेशा
लाजपतनगर निवासी र¨वद्र का कहना है कि जितना दबाव हाईवे पर वाहनों का है, उसको देखते हुए पूरी सड़क का दोबारा निर्माण होना चाहिए। क्योंकि गड्ढों के कारण वाहनों की रफ्तार कम रहती है। जाम की स्थिति बनती रहती है। साथ ही हादसे का अंदेशा भी रहता है। इन समस्या को देखते हुए प्रशासन को हाईवे को दोबारा मरम्मत कराना चाहिए।