Move to Jagran APP

किसानों के हाथों में फिर झुनझुना, 188 करोड़ के मुआवजे पर वादा खिलाफी

जागरण सवांददाता, यमुनानगर : एचएसआइआइडीसी के लिए अधिगृहीत की गई जमीन के मुआवजे के नाम पर

By Edited By: Published: Fri, 20 Jan 2017 11:30 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jan 2017 11:30 PM (IST)
किसानों के हाथों में फिर झुनझुना, 188 करोड़ के मुआवजे पर वादा खिलाफी

जागरण सवांददाता, यमुनानगर : एचएसआइआइडीसी के लिए अधिगृहीत की गई जमीन के मुआवजे के नाम पर किसानों के हाथ इस बार भी केवल आश्वासन ही लगा। विस अध्यक्ष कंवरपाल और विधायक घनश्यामदास अरोड़ा ने किसानों को सरकार की ओर से 20 जनवरी तक का मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक मुआवजा देने की प्रक्रिया नहीं शुरू की गई। तीन गांवों की 260 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था और 188 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना है। शुक्रवार को किसानों की बैठक गांव ऊधमपुर में हुई। उसमें सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया गया। किसानों का कहना है कि यदि सोमवार तक मुआवजा राशि उनके खातों में नहीं आई, तो दोबारा आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।

loksabha election banner

सरकार और एचएसआइडीसी पर मुआवजे की मांग की अनदेखी का आरोप लगाते हुए 16 नवंबर को किसान एचएसआइडीसी कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठे थे। 30 दिसंबर को विस अध्यक्ष और यमुनानगर के विधायक घनश्यामदास अरोड़ा स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे थे और सरकार की ओर से आश्वासन दिया था कि 20 जनवरी तक मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, लेकिन किसानों के मुताबिक अभी ऐसा नहीं हो पाया।

इनसेट

पंचकूला में किया था प्रदर्शन

मुआवजे के लिए किसान 13 नवंबर को एचएसआइआइडीसी के पंचकूला कार्यालय पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं। इस दौरान उच्चाधिकारियों ने 20 जनवरी तक मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर देने का आश्वासन दिया था। लेकिन किसानों का तर्क था कि आश्वासन उनको पहले भी मिल चुका है, इसलिए किसानों ने अपना धरना जारी रखा।

गुजर रहे आर्थिक तंगी से

किसान ओंकार ¨सह, र¨वद्र ¨सह, रणधीर ¨सह, रमनदीप ¨सह, कर्णदीप, देवेंद्र ¨सह आदि का कहना है कि मुआवजा न मिलने से किसान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। किसान विभिन्न माध्यमों से सरकार के समक्ष अपनी मांग रख चुके हैं, लेकिन परिणाम शून्य ही रहे। किसानों को बार-बार आश्वासन की मिल रहे हैं। 30 दिसंबर को धरने पर विस अध्यक्ष और विधायक स्वयं उनसे वादा कर गए थे कि जल्दी ही उनकी मांग पूरी कर ली जाएगी और मुआवजा दिए जाने की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी।

यह है मामला

ऊधमगढ़ के किसान फतेह ¨सह, ओंकार ¨सह, हरभजन ¨सह, जसपाल ¨सह सहित अन्य किसानों ने बताया कि एचएसआइआइडीसी फेस-दो के लिए 2007 में ऊधमगढ़, गढ़ी बंजारा और मानकपुर तीन गांवों की करीब 260 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। दो वर्ष बाद 2009 में और लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को मुआवजा मिला, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। पूरे मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने न्यायालय की शरण ली और वर्ष 2010 में केस दायर कर दिया। अप्रैल, 2015 में न्यायालय ने एचआइआइडीसी को 30 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए। किसानों ने बार-बार मांग की, लेकिन आज तक उनकी जमीन का पूरा मुआवजा नहीं मिला।

एचएसआइडीसी के डायरेक्टर से बात हो चुकी है। जल्दी ही जमीन के मुआवजे की राशि किसानों के खातों में आ जाएगी। किसानों की मांग को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है।

चौधरी कंवर पाल, विस अध्यक्ष।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.