जान जोखिम में डालकर काम कर रहे बिजली निगम के कर्मचारी
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बिलासपुर में विद्युत निगम का भवन खस्ताहाल हो चुका है। जर्जर हो चु
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बिलासपुर में विद्युत निगम का भवन खस्ताहाल हो चुका है। जर्जर हो चुके इस भवन की इमारत कभी भी ढह सकती है। जान जोखिम में डालकर कर्मी काम करने को मजबूर हैं। 125 गांवों को बिजली की आपूर्ति करने वाला बिजली निगम कार्यालय इन दिनों जर्जर हालत है।
निगम में बिजली कर्मचारियों की कमी है। कर्मचारियों के मुताबिक समय पर पूरा सामान भी नहीं मिलता। सामान न मिलने के कारण बिजली कर्मियों को जान जोखिम में डालकर तकनीकी खराबी को ठीक करना पड़ता है। जिससे कर्मचारियों सहित उपभोक्ताओं को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सबसे अधिक परेशानी घाड़ क्षेत्र के गांवों के ग्रामीणों को होती है, क्योंकि इस क्षेत्र में कोई भी तकनीकी खराबी होने से कर्मचारियों की कमी के कारण उसे ठीक होने से पांच से सात दिन का समय लग जाता है।
विभाग के बिलासपुर स्थित बिजली कार्यलय में कर्मचारियों की कमी से दैनिक कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। बिलासपुर निगम कार्यालय के प्रधान ने बताया कि आज से 10 वर्ष पहले बिलासपुर कार्यालय में केवल छह फीडर थे और उन पर 135 कर्मचारी काम पर थे। अब दस वर्ष पश्चात बिलासपुर विद्युत कार्यालय के अधीन 32 फिडर बन गए ओर कर्मचारियों की संख्या अधिक होने की बजाए कम होकर मात्र 24 रह गई है। क्षेत्र बड़ा होने ओर वर्क लोड बहुत अधिक होने काम बहुत अधिक बढ़ गया है।
इन कर्मचारियों की है कमी
एलडीसी के 21 पदों में से मात्र सात पर कर्मी कार्यरत हैं। 14 पद खाली हैं। जेई के चार पद हैं, जिनमें तीन खाली हैं। केवल एक ही कार्यरत है। प्रधान ने बताया कि उनके पास जैंफर लगाने के लिए वायर भी उपलब्ध नहीं है और न ही उन्हें रेन कोट दिया गया। बार-बार निगम को लिखित रूप में देने के बाद भी जरूरत के हिसाब से सामान नहीं मिलता। सामान की कमी के चलते उनके सभी टीएफ व ट्रांसफार्मर के स्विच बंधे हुए है। यदि मजबूरन उन्हें स्विच आफ करना पड़ जाए तो पहले परमिट लेना पड़ता है। उनका कहना है कि सामान के कमी व कर्मचारियों की कमी के चलते उन्हें कार्य करने में बहुत भारी परेशानी उठानी पड़ती है। जिस सीधा असर उपभोक्ताओं की शिकायत का निवारण करने पर पड़ता है। सर्व कर्मचारी यूनियन के प्रधान पवन शर्मा ने बताया कि बिजली विभाग का भवन जर्जर हालात में है। छतों का लेंटर टूटकर गिर रहा है, बिजली कार्यलय के भवन में बैठकर कार्य करना खतरे से खाली नही है। इस बारे भी संबंधित विभाग के अधिकारी और बिलासपुर एसडीएम को सूचित किया गया है। आज तक कार्यालय के लिए न तो नई बि¨ल्डग बनाई गई और न ही कार्यालय को अन्य जगह बदला गया है।