भ्रूण जांच पर अंकुश लगाने के लिए उप्र प्रशासन से बनाया जाएगा तालमेल : राजेंद्र प्रसाद
सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था बीमार है। सुविधाओं की कमी है और मरीजों को दिक्कतों का स
सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था बीमार है। सुविधाओं की कमी है और मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कभी स्वास्थ्य परीक्षण से पहले मरीजों को कड़ी परीक्षा देनी पड़ती है, तो कभी दवाइयों की कमी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। नागरिक अस्पताल यमुनानगर को तीन सौ बेड का किए जाने की योजना भी अधर में है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या के मुताबिक बेड नहीं है। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए विभाग की ओर से क्या प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा बदलते मौसम में स्वास्थ्य के प्रति किस प्रकार सजग रहें, इन बातों को लेकर संवाददाता संजीव कांबोज ने सिविल सर्जन डॉ. राजेंद्र प्रसाद से बातचीत की। बातचीत के अंश इस प्रकार हैं :
नागरिक अस्पताल यमुनानगर का दर्जा बढ़ाकर तीन सौ बेड का किए जाने की योजना को कब तक धरातल मिल सकता है?
इस परियोजना पर काम चल रहा है और उम्मीद है जल्दी ही काम शुरू हो जाएगा। रादौर के स्वास्थ्य केंद्र को भी अपग्रेड किए जाने की योजना है।
एनसीडी सेंटर (नॉन कम्युनिकेबल डीजेज) कब तक शुरू होगा और किन मरीजों को फायदा मिलेगा?
कैंसर और हृदय रोगियों की सुविधा के लिए एनसीडी सेंटर बनाया जा रहा है। भवन बनकर तैयार हो गया है और स्टाफ की व्यवस्था भी हो गई है। जल्दी ही शुभारंभ होगा।
निकट भविष्य में नागरिक अस्पताल में कौन-कौन सी सुविधाएं दी जानी हैं?
नौनिहालों के लिए अस्पताल में एडवांस पैडिएट्रिक सेंटर की सुविधा जल्दी ही मिलनी शुरू हो जाएगी। सिटी स्कैन की मशी भी आ चुकी है। कुछ औपचारिकताएं शेष हैं जो पूरी होने के बावजूद चालू को जाएगी। मरीजों को सस्ती दरों पर सिटी स्कैन की सुविधा मिलेगी।
क्या स्वास्थ्य केंद्रों को बढ़ाए जाने की योजना है?
हां, जगाधरी के गांधीनगर और यमुनानगर के कल्याणनगर में हाल में नए स्वास्थ्य केंद्र का शुभारंभ हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में जो स्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं, उनमें सुविधाओं का आंकलन किया जा रहा है। कोशिश रहेगी कि सभी मूलभूत सुविधाएं मिलें।
जिले में ¨लगानुपात संतुलित करने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
सभी अधिकृत अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर विशेष नजर है। इसके अलावा उप्र के अधिकारियों से तालमेल बैठाकर भ्रूणहत्या पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जाएंगे।
अस्पताल में दवाइयों की कमी मरीजों को न खले, इसके लिए क्या प्ला¨नग है?
इंडोर मरीजों के लिए अस्पताल में दवाईयों की कोई कमी नहीं है और न ही रही है। कोशिश यही रहती है कि ओपीडी के दौरान में मरीजों को दवाईयों की कमी न रहे। दो दिन पहले ही स्टॉक आया है। हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि सभी आवश्यक दवाइयां अस्पताल में ही उपलब्ध हो जाएं।
अस्पातल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा लंबे समय से नहीं है। मरीजों को निजी केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ रहा है। क्या इस बारे में कोई योजना बनाई जा रही है?
गर्भवती महिलाओं के लिए सामान्य अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा है। कोई दो राय नहीं कि सामान्य मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है, लेकिन लेकिन जल्दी ही यह सुविधा मरीजों को मिलनी शुरू हो जाएगी। इस बारे में प्रयास किए जा रहे हैं।
बेड की संख्या कम होने के कारण मरीजों को दिक्कत होती है। क्या इस दिशा में सुधार किया जा रहा है?
एनसीडी भवन बनाया जा रहा है। मेडिसन के मरीज यहां शिफ्ट होने पर ट्रामा में उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम हो जाएगी।
बदलते मौसम में क्या-क्या एहतियात बरती जानी जरूरी हैं?
ऐसे मौसम में बच्चे और बुजुर्गो के बीमार होने की संभावना अधिक रहती है, क्योंकि इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। सर्दी, खांस, जुकाम और बुखार की संभावना अधिक रहती है।
ऐसे मौसम में किन बातों का ख्याल रखें?
फ्रीज में रखे खाद्य पदार्थो का सेवन न करें। शादी-समारोहों में बच्चों को आइस क्रीम न खाने दें। बाइक से परहेज करें। गर्म कपड़े पहनाकर ही घर से बाहर निकलने दें। सुबह-शाम नियमित सैर करें। ताजा फलों का जूस पिएं। बाजार के तले-भूने खाद्य पदार्थ न खाएं।