सरकार के खिलाफ गरजीं आंगनबाड़ी, मिड डे मिल और आशा वर्कर
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सरकार हमसे सारा काम कराती है। सर्दी हो या गर्मी और धूप हो
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : सरकार हमसे सारा काम कराती है। सर्दी हो या गर्मी और धूप हो या बरसात, आंगनबाड़ी वर्कर सारा दिन घूम कर कभी सर्वे करती हैं, तो कभी अन्य काम है। काम वर्कर करती हैं और नाम होता है अफसर का। अफसर कभी भी नहीं कहते कि यह काम आंगनबाड़ी वर्करों ने किया है। फिर भी वर्करों को आज तक न तो सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिला है और न ही हमारा भविष्य सुरक्षित है, क्योंकि नौकरी के बाद तो उन्हें पेंशन भी नहीं मिलेगी। समय पर पारिश्रमिक भी नहीं दिया जाता। कुछ इसी तरह के के नारे आंगनबाड़ी वर्करों और अन्य यूनियन नेताओं ने शहर के भगत ¨सह पार्क में लगाए।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान आंगनबाड़ी वर्करों ने शनिवार को भगत ¨सह पार्क में धरना दिया। धरने में आशा वर्कर, मिड डे मिल वर्कर तो शामिल हुई ही साथ में सर्व कर्मचारी संघ ने भी उन्हें अपना समर्थन दिया। मिड डे मिल वर्कर यूनियन की प्रधान सरबती देवी, आशा वर्कर यूनियन से नीरू बाला और आंगनबाड़ी वर्कर की जिला प्रधान रेखा सैनी ने कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ बेटियों को बचाने के नारे लगा रही है, तो दूसरी तरह महिला विरोधी नीतियां बना रही है। आज तक उन्हें सरकार ने बढ़ा हुआ पारिश्रमिक नहीं दिया। हमारी मांग है कि सभी कर्मियों को 18 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाए। सरकार ने अब तक कोई ऐसा काम नहीं किया, जिससे महिला कर्मचारियों को फायदा मिले। उन्होंने मांग की कि सभी को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार ग्रेच्यूटी, पेंशन, पीएफ, मेडिकल सुविधा सहित सभी सामाजिक लाभ दिए जाएं। सभी को 180 दिन का प्रसूति छुट्टी का लाभ दिया जाए। कर्मचारी नेता राशनलाल, सोमनाथ, रतन ¨सह कलानौर, महीपाल सोढे, श्याम लाल नरवाल, राजबीर ¨पडोरा, महीपाल चमरौड़ी, जापान ¨सह आदि ने कहा कि झूठे वादे और भ्रामक प्रचार कर जनता की भावनाओं से सरकार खिलवाड़ कर रही है। महंगाई, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। सरकार गाय, गंगा, गीता, सरस्वती आदि पर सरकारी खजाना लुटा रही है।
पहुंचीं सचिवालय
भगत ¨सह पार्क में धरना देने के बाद सभी वर्कर नेशनल हाईवे पर प्रदर्शन करते हुए जिला सचिवालय में पहुंचीं। हाथों में झंडे लिए वर्कर नारेबाजी कर रही थी। सचिवालय में उन्होंने डीसी रोहताश ¨सह खरब को ज्ञापन दिया। डीसी ने उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मतलूब, दिलावर हुसैन, रामकुमार कंबोज, प्यारे लाल तंवर, चांदनी, निर्मला, प्रेमलता, प्रकाश कौर, नीलम, सुशीला, पूनम, शिमला, पुष्पा, सुषमा, सरोज, संतोष, सत¨वद्र कौर, कर्मजीत, कुसुम, हरमेश, राजरानी, सतीश राणा, नीरू बाला आदि थीं।
साढौरा में भी हुआ प्रदर्शन
आंगनबाड़ी, मिड डे मिल और आशा वर्करों ने साढौरा कस्बे में भी प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी वर्कर नेता वीना धीमान ने कहा कि सरकार ने परियोजना कर्मियों के बजट में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी है। इस कटौती को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने परियोजनाओं का निजीकरण बंद करते हुए 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार सामाजिक सुरक्षा, पेंशन एवं मेटरनिटी अवकाश पदान करने की मांग की। इस मौके पर अमरीन बेगम, संजय, मनजीत कौर, शकुंतला, नीलू, सरोज, मंजू, सुमन, प्रवीण, गायत्री, हरनेश, प्रेमलता, स¨लद्रों, सुमन, प्रभजीत कौर आदि थे।