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डेंगू की बगावत पर सिस्टम का सितम

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : डेंगू का मर्ज बदलते मौसम के साथ बगावत पर उतारू है। डेंगू के

By Edited By: Published: Sun, 31 Jul 2016 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 31 Jul 2016 03:00 AM (IST)

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

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डेंगू का मर्ज बदलते मौसम के साथ बगावत पर उतारू है। डेंगू के संदिग्ध केस सामने आ चुके हैं। हालात पर काबू पाने को स्वास्थ्य विभाग की कवायद जारी है, मगर सिस्टम की खामियों के कारण विभागीय अफसरों की सांसें फूली हुई हैं। सबसे बड़ी समस्या कर्मचारियों की है। 100 पद होने के बावजूद महज 12 कर्मचारियों से ही काम चलाया जा रहा है, जिससे डेंगू जैसी घातक बीमारी को रोक पाना अधिकारियों के लिए आसान नहीं है। विभाग की अंतिम आस अब आशा वर्करों पर टिकी हुई है।

जिले के बूड़िया क्षेत्र में डेंगू का कंफर्म केस सामने आ चुका है। एक के बाद एक टीम दौरा कर क्षेत्र का जायजा ले रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि जिस मोहल्ले से कनफर्म केस मिला, वहां और भी संदिग्ध रोगी हो सकते हैं।

जगह-जगह जलभराव

बूड़िया क्षेत्र में पानी निकासी की समस्या गंभीर है। यहां जगह-जगह जलजमाव के कारण मच्छर पनप रहे हैं। डेंगू मच्छर की पुष्टि खुद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कर दी है। जल भराव की समस्या के कारण यहां हर साल डेंगू के मरीज सामने आते रहे हैं। बड़ी बात ये है कि जिस क्षेत्र में इस रोग के मरीज मिलते हैं स्वास्थ्य विभाग का टीम वहां पहुंच ही नहीं पाती। कैंप क्षेत्र, गड्ढा कॉलोनी, शर्मा कॉलोनी, लक्ष्मी नगर इसका जीता जागता उदाहरण है। इस क्षेत्र में जब सैकड़ों लोग मलेरिया की चपेट में आए थे तब टीम ने यहां का दौरा किया था।

खल रही कर्मचारियों की कमी

विभागीय चिकित्सकों की माने तो डेंगू की कोई दवा नहीं है। इससे बचाव ही इसका इलाज है। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। हर साल जून जुलाई में लोगों को जागरूक करने को स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाया जाता है। अभियान में भी कर्मचारियों की दिक्कत सामने आती है।

आउट सोर्सिग से कर्मचारी जुटा लिए जाते : जैन

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. वीके जैन का कहना है कि कर्मचारियों की कम संख्या को देखते हुए हर साल आउट सोर्सिंग से कर्मचारी जुटा लिए जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही किया जा रहा है, जहां स्टाफ कम होता है, वहां दूसरी जगह से बुला लिया जाता है। बूड़िया में आशा वर्कर सर्वे कर रही हैं। विभाग के अन्य कर्मी खड़े पानी में दवा छिड़काव कर रहे हैं। इसके साथ ही लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि कही भी पानी खड़ा नहीं होने दिया जाए। साथ ही वार्ड पार्षद को भी कहा गया कि जिन स्थानों पर पानी जमा है, उसकी निकासी के लिए व्यवस्था की जाए, ताकि बीमारी पर काबू पाया जा सके। वार्ड के विभिन्न हिस्सों पर जाकर टीम ने सैंपल लिए हैं, सैंपल में डेंगू के लारवा नजर आ रहे हैं।

स्कूल से फेरी नजर

विभागीय टीम की नजर प्राइमरी ¨वग के स्कूल पर अब तक नहंी गई। यहां दस दिन से पानी जमा है। इस स्कूल में 250 से अधिक छोटे बच्चे पढ़ाई करते हैं। हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में बच्चे भी डेंगू जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।

वर्जन

जिले में 100 पद हेल्थ वर्करों के हैं, लेकिन 12 ही पद भरे हुए हैं। इनकी कमी को पूरा करने के लिए सरकार को पत्र लिखा जा चुका है। फिलहाल आशा वर्करों व विभाग के अन्य कर्मियों से लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। जिस स्थान पर पानी जमा है, टीम वहां जाकर दवा छिड़काव कर रही है।

-डॉ. राजेश कुमार, डिप्टी डायरेक्टर मलेरिया स्वास्थ्य विभाग।


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