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16 स्कूलों को नहीं मिला अपग्रेड का तमगा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिला के 16 राजकीय स्कूलों को अपग्रेड होने का इंतजार है। जिला

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 May 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 21 May 2017 03:00 AM (IST)
16 स्कूलों को नहीं मिला अपग्रेड का तमगा
16 स्कूलों को नहीं मिला अपग्रेड का तमगा

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिला के 16 राजकीय स्कूलों को अपग्रेड होने का इंतजार है। जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से इन स्कूलों की लिस्ट दो बार मुख्यालय भेजी जा चुकी है परंतु अब इन्हें अपग्रेड करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसका खामियाजा स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि उच्च शिक्षा के लिए वे इस चिलचिलाती धूप में कई किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में जा रहे हैं।

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ये स्कूल भेजे हैं अपग्रेड के लिए

डीईओ कार्यालय से छछरौली के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय खिजराबाद, राजकीय उच्च विद्यालय बाक्करवाला, अराइयांवाला, कलेसर, लेदी, लाक्कड़, सलेमपुर कोही स्कूल को सीनियर सेकेंडरी स्कूल का दर्जा दिलाने, सरस्वती नगर के गांव राजकीय माध्यमिक विद्यालय काजीबांस, रपोली, गोलनी को हाई स्कूल के लिए, जगाधरी के राजकीय उच्च विद्यालय हमीदा, गोरा बीबीपुर, करेहड़ा खुर्द, साबापुर व बिलासपुर के धनौरा स्कूल को उच्च से सीनियर सेकेंडरी बनाने की मांग भेजी हुई है। वहीं, साढौरा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय रामपुर अराइयां को आठवीं से 10वीं कक्षा तक का स्कूल बनाने की लिस्ट भेजी गई है।

सबसे ज्यादा दिक्कत लड़कियों को :

सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है। बेटी बच रही है इसके तो कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। परंतु पढ़ने के लिए बेटी को अब भी कई किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है। दिक्कत सिर्फ पढ़ने की नहीं बल्कि डर छेड़छाड़ का भी है। इसका प्रमाण पुलिस का रिकॉर्ड है जिसमें स्कूल से आते-जाते छात्राओं के साथ छेड़छाड़ किए जाने के केस दर्ज हैं। चाइल्ड हेल्पलाइन की निदेशिका डॉ. अंजू बाजपेयी का कहना है कि जब तक लड़कियों के पढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं होगी तब तक वे उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकती। मैंने खुद लड़कियों को सुनसान सड़कों से स्कूल जाते देखा है। ऐसे में वे कहां सुरक्षित हैं।

रेलवे लाइन पार कर जाती हैं कई गांवों छात्र

काजीबांस गांव की सरपंच सुजाता रानी का कहना है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालय काजीबांस की बात करें तो इस स्कूल में फिलहाल 125 विद्यार्थी हैं। यदि इसे उच्च स्कूल का दर्जा मिल जाए तो आसपास के गांव झाड़ चंदना, रपौली व कांजीबास गांवों के करीब 600 विद्यार्थी हो सकते हैं। फिलहाल स्कूल में पढ़ रहे 85 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थी अनुसूचित जाति से हैं। उच्च शिक्षा के लिए गांव के विद्यार्थी झाड़ चंदना में साढ़े पांच किलोमीटर दूर रेलवे लाइन को पार कर जाते हैं। रेलवे लाइन पार करना उनकी मजबूरी है। उनके साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यदि कल हादसा हो गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। गांव काजीबांस झाड़ चंदना व रपौली के सेंटर में है। स्कूल को देने के लिए पंचायत के पास जमीन भी है। इसलिए इस स्कूल को जल्द से जल्द अपग्रेड किया जाए। इस बारे में जल्द ही वे मुख्यमंत्री से भी मिलने वाली हैं।

14 गांवों ने भेजा प्रस्ताव लेकिन नहीं मिली खुशखबरी

गांव लेदी की सरपंच रीना का कहना है कि स्कूल अपग्रेड नहीं होने से गांव के विद्यार्थी 10 किलोमीटर दूर छछरौली या फिर पांच किलोमीटर दूर कोट व ललहाड़ी गांव जाते हैं। क्षेत्र के 14 गांवों लेदा खादर, कोटड़ा, तुगलपुर, बरौली माजरा, रायपुर, हड़ौली, सलेमपुर, तिहानो, लोप्यो, खानूवाला, दादूपुर जटान, खानपुरा, मानीपुर ने लेदी के स्कूल को अपग्रेड करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा हुआ है। 600 से ज्यादा विद्यार्थी स्कूल में पढ़ रहे हैं। दूसरे गांव में पढ़ने के लिए जाने में छात्राओं को सबसे ज्यादा दिक्कत आती है। कई बार उनके साथ छेड़छाड़ होने का डर रहता है। कई माता-पिता तो इसी डर से बच्चों को आगे पढ़ाने से कतराते हैं। इसके अलावा बसों में भी परेशानी झेलनी पड़ती है। इस बारे में वे विधानसभा स्पीकर कंवरपाल से भी मिली थी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द स्कूल अपग्रेड होगा।

मुख्यालय से निर्णय होना है

डीईओ आनंद चौधरी का कहना है कि 16 स्कूलों को हाई व सीनियर सेकेंडरी तक अपग्रेड करने की लिस्ट भेजी हुई है। स्कूल का दर्जा बढ़ाने का निर्णय मुख्यालय को करना है।


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