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लापरवाही : गर्भवती महिला की कर दिया नलबंदी का ऑपरेशन

जागरण संवाददाता, सोनीपत : प्रदेश के चिकित्सकों पर जनसंख्या नियंत्रण का लक्ष्य पूरा करने का

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 03:01 AM (IST)
लापरवाही : गर्भवती महिला की कर दिया नलबंदी का ऑपरेशन
लापरवाही : गर्भवती महिला की कर दिया नलबंदी का ऑपरेशन

जागरण संवाददाता, सोनीपत : प्रदेश के चिकित्सकों पर जनसंख्या नियंत्रण का लक्ष्य पूरा करने का इतना दबाव है कि वह बिना सोचे-समझे महिलाओं की नलबंदी का ऑपरेशन रहे हैं। चिकित्सकों की इस जल्दीबाजी का खामियाजा अब एक परिवार को भुगतना पड़ रहा है। खरखौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के डॉक्टरों ने एक गर्भवती महिला की नलबंदी कर दी। महिला को चार महीने बाद पता चला कि वह गर्भवती है। उसके पति का आरोप है कि खरखौदा व नागरिक अस्पताल में पत्नी की जांच के लिए कई बार गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उसने सीएमओ से लेकर उपायुक्त व सीएम ¨वडो पर शिकायत की है।

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खरखौदा निवासी विकास ने बताया कि उसके पास तीन बच्चे हैं। वह मजदूरी कर परिवार का गुजारा करता है। पत्नी रीना की नलबंदी करवाने के लिए 5 मई को खरखौदा सीएचसी में गया था, जहां जाते ही उसकी पत्नी की नलबंदी कर दी गई। उन्होंने कोई जांच भी नहीं की थी। जुलाई में पत्नी के पेट में ज्यादा दर्द होने लगा तो उसे लेकर दोबारा सीएचसी में गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है। उसे इस बात पर विश्वास नहीं हुआ। इसका पता लगाने के लिए जब उसने नौ जुलाई को अपनी पत्नी का अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला कि मार्च महीने में ही वह गर्भवती हो चुकी थी, जबकि उसकी नलबंदी 5 मई को हुई थी। इसको लेकर जब वह सीएचसी में डॉक्टरों से मिला तो उन्होंने उसकी पत्नी को नागरिक अस्पताल, सोनीपत रेफर कर दिया।

विकास ने बताया कि नागरिक अस्पताल में आने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें अगले दिन ओपीडी में आने की बात कहकर घर भेज दिया। उसका आरोप है कि वह कई बार इलाज कराने के लिए नागरिक अस्पताल में जा चुका है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे उसकी पत्नी की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

नलबंदी के ऑपरेशन से पहले जांच जरूरी

एक महिला चिकित्सक एवं विशेषज्ञ के अनुसार नलबंदी के ऑपरेशन के समय महिला के गर्भवती होने की जांच की जाती है। इससे पहले उसके पीरियड्स का भी पता लगाया जाता है, लेकिन इस महिला के केस को देखते हुए लगता है कि इसमें इन नियमों की अनदेखी की गई। चिकित्सकों का जनसंख्या नियंत्रण करने के लक्ष्य पूरा करने का दबाव इतना है कि वह बिना जांच किए ही महिलाओं की नलबंदी का ऑपरेशन कर रहे हैं।


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