एचएसआइआइडीसी समेत 21 किसानों के खिलाफ केस
संवाद सहयोगी, खरखौदा : खेतों में फसलों के अवशेष नहीं जलाने की प्रशासन की बार-बार की अपील और चलाए
संवाद सहयोगी, खरखौदा : खेतों में फसलों के अवशेष नहीं जलाने की प्रशासन की बार-बार की अपील और चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों का लगता है किसानों पर कोई असर नहीं पड़ा है। जब भी मौका मिला किसी ने किसी किसान ने अपने खेत में फसलों के अवशेष जला ही देता है।
किसानों की इसी हरकत के चपेट में एचएसआइआइडीसी (हरियाणा राज्य औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम) भी आ गया है। खंड विकास एवं परियोजना अधिकारी (बीडीपीओ) मनीष मलिक की शिकायत पर एचएसआइआइडीसी समेत और चार गांवों के 20 किसानों के खिलाफ धारा 144 की अवहेलना कर फसल अवशेष जलाने पर मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं। इनमें सोहटी, कुंडल, थाना खुर्द व आनंदपुर झरोठ के किसान शामिल हैं।
दरअसल, एचएसआइआइडीसी ने कुंडल गांव में 332 एकड़ जमीन का अधिग्रहण औद्योगिक क्षेत्र के लिए किया हुआ है लेकिन इस जमीन पर कब्जा अभी गांव के किसानों का बना हुआ है लेकिन जमीन निगम के ही नाम है। किसान अधिग्रहीत जमीन पर खेती कर रहे हैं। उन्होंने फसल उगाने के बाद खेतों में अवशेष जला दिया। चूंकि रिकार्ड में जमीन एचएसआइआइडीसी के नाम है इसलिए मुकदमे की चपेट में वह भी आ गया।
इसके अलावा सोहटी गांव के निवासी किसान राकेश, आनंदपुर झरोठ गांव के निवासी नरेंद्र समेत 20 किसानों के खिलाफ भी मामले दर्ज कराए गए हैं। एचएसआइआइडीसी और अन्य किसानों पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही मामले की सूचना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी दी गई है, जिससे बोर्ड उन किसानों को नोटिस भेजकर किसानों से जुर्माना वसूल सके।
पिछले दिनों खरखौदा क्षेत्र में खेतों में फसलों के अवशेष जलाने की लगातार कई घटनाएं हुईं। इससे लगातार वायु प्रदूषण पर विपरीत प्रभाव पड़ा। इससे पहले भी पर्यावरण को प्रदूषित करने के खिलाफ सैकड़ों किसानों पर प्रशासन धारा 144 का उल्लंघन करने पर मामला दर्ज करवा चुका है।
गौरतलब है कि पर्यावरण प्रदूषण को बचाने के लिए प्रशासन खेतों में फसलों के अवशेष जलाने पर रोक लगा दी है। फसल जलाने को धारा 144 का उलंघन करार दिया गया है।