नहीं बने डेयरियों के हौद, सीवर में बह रहा गोबर
दीपक गिजवाल, सोनीपत डेयरी संचालकों के खिलाफ शुरू की गई सख्त कार्रवाई फिर धीमी पड़ने लगी है। प्रशास
दीपक गिजवाल, सोनीपत
डेयरी संचालकों के खिलाफ शुरू की गई सख्त कार्रवाई फिर धीमी पड़ने लगी है। प्रशासन से हौद बनाने की शर्त पर कुछ मोहलत देने की अपील करने वाले डेयरी संचालक पुराने ढर्रे पर आ गए हैं। हौद नहीं बनाने के कारण अभी भी डेयरी का गोबर व अन्य कूड़ा कचरा सीवर में बह रहा है। इसके चलते सीवर समस्या शहर में फिर गहराने लगी है।
शहर में अवैध रूप से चलाई जा रही डेयरियों से लोग परेशान हैं। प्रशासन की ओर से डेयरी उद्योग को शहर से बाहर करने की तैयारी काफी लंबे समय से चल रही है, लेकिन प्रोजेक्ट अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाया है।
रिहायसी क्षेत्र में चल रही सैकड़ों डेयरियां:
शहर के रिहायसी क्षेत्रों में सैकड़ों डेयरी चल रही हैं। जिस वजह से सीवर की समस्या बनी हुई है। जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताता हैं कि इसका कारण डेयरियों से निकलने वाले मलबे व कूड़ा-कचरा है। इसके बावजूद प्रशासन डेयरी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहा है। आबादी वाले क्षेत्र में चल रही डेयरियों से प्रशासन व आम जनता को तमाम समस्याओं से रूबरू होना पड़ रहा है।
गोबर से होता है सीवर सिस्टम फेल :
डेयरियों से निकलने वाले गोबर से सीवर सिस्टम के समक्ष सबसे बड़ी समस्या उत्पन्न कर रहा है। गोबर पानी के साथ सीवर लाइन में बहकर चला जाता है, जो सीवर सिस्टम के जाम होने का कारण बन रहा है। सीवर जाम होने के कारण कई बाद गंदा पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों या गलियों में भी भर जाता है। कई बार तो पानी बैक मारकर लोगों के घरों में घुस जाता है।
बदबू से बीमारी फैलने का खतरा :
शहरवासी प्रवीण का कहना है कि जिन-जिन जगहों पर डेयरी चल रही है उसके आस-पड़ोस के लोगों को गोबर से निकलने वाली बदबू ने नाक में दम कर रखा है। उन्होंने कहा कि इससे कॉलोनी में महामारी फैलने की भी आशंका बनी रहती है। नगर निगम को इस पर ध्यान देना चाहिए।
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डेयरी शिफ्टिंग को लेकर काम चल रहा है। डेयरी संचालकों को कुछ समय दिया गया है। जब तक डेयरी शिफ्ट नहीं हो जाती, तब तक डेयरी संचालकों को डेयरी के अंदर ही हौद बनाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई डेयरी संचालक सीवर में गोबर बहाता मिलता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश नगर निगम अधिकारियों को दिए गए हैं।
कविता जैन, मंत्री, शहरी स्थानीय निकाय।