मच्छरजनित रोगों के कार्यक्रम कागजी कार्रवाई तक सीमित
जागरण संवाददाता,सोनीपत : मौसम बदलने के लिए साथ ही मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग द
जागरण संवाददाता,सोनीपत : मौसम बदलने के लिए साथ ही मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छरजनित रोगों से बचाव के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम महज कागजी कार्रवाई बन कर रह गए हैं। स्टाफ और संसाधनों की कमी के कारण जागरूकता अभियान भी औपचारिक बन गया है। एक कर्मचारी पर कई-कई कर्मचारियों का भार है। ऐसे में सभी घरों में जा कर अच्छी तरह से जांच करना, वहां पर एंटी लार्वा एक्टिविटी करने की बस खानापूर्ति हो रही है। जीटी रोड से जुड़े एरिया और शहरी क्षेत्र में कई कॉलोनी बहुत संवेदनशील हैं। वाल्मीकि बस्ती, ढेहा बस्ती, ईदगाह कॉलोनी, कालूपुर और कोट मोहल्ला ऐसे क्षेत्र हैं , जहां पर मच्छरजनित रोगों के फैलने का ज्यादा खतरा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इन कॉलोनियों में अब तक एक बार भी निरीक्षण करने नहीं पहुंची हैं। इन क्षेत्रों में ज्यादा जागरूकता अभियान की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग को इन सभी संवेदनशील क्षेत्रों के लिए विशेष योजना बनानी चाहिए थी।
पिछले वर्ष मलेरिया के 43 केस थे
वर्ष 2016 में मलेरिया के 43 केस थे और डेंगू के 8 मामले थे। वर्ष 2015 में डेंगू और मलेरिया का भारी प्रकोप था। अभी स्वास्थ्य विभाग टीम घर-घर जाकर बस बुखार पीड़ितों की स्लाइड तैयार कर रही है, लेकिन इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए अब तक माइक्रो प्ला¨नग भी तैयार नहीं की गई है और नहीं स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
12एमपीएचडब्ल्यू का डेपुटेशन मेवात किया गया है। वहां पर मच्छरजनित रोगों का ज्यादा खतरा है। जिले में जितने कर्मचारी हैं ,वह बुखार पीड़ितों की स्लाइड बना रहे हैं।
डॉ.ओमप्रकाश, जिला मलेरिया अधिकारी।