सफेद झींगा मछली उत्पान में बढ़ी किसानों की रुचि
संवाद सहयोगी खरखौदा: भारतीय समुद्री उत्पाद निर्यात प्राधिकरण अधिकारियों के 17 सदस्यीय दल ने सफ
संवाद सहयोगी खरखौदा:
भारतीय समुद्री उत्पाद निर्यात प्राधिकरण अधिकारियों के 17 सदस्यीय दल ने सफेद झींगा मछली उत्पादन को लेकर निरीक्षण किया और प्रदेश सरकार के कदम की सराहना की। समुंद्र के खारे पानी में झींगा मत्स्य का उत्पादन होता है। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक वर्ष 2015 में 20 हेक्टेयर में सफेद झींगा मत्स्य पालन शुरू कराया था इसके लिए साढ़े 12 लाख रुपये की राशि किसान को सब्सिडी के तौर पर दी गई है।
अच्छा उत्पादन होने के कारण इस बार प्रदेश सरकार ने 55 लोगों को सब्सिडी मुहैया करवाई है। सफेद झींगा मछली पालन में अब किसानों की रुचि पहले से अधिक बढ़ रही है।
रोहतक डिवीजन के उपनिदेशक आर.सी कौशिक ने कहा कि समुंद्र के खारे पानी में झींगा मतस्य का उत्पादन होता है। हरियाणा प्रदेश से सीख लेकर अन्य प्रदेशों में जहां पर पानी का स्तर बहुत नीचे जा चुका है और पानी खारा हो चुका है। वहां पर भी मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मत्स्य विभाग के निदेशक आरके सांगवान ने कहा सफेद झींगा मछली का उत्पादन निरंतर बढ़ रहा है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार 20 की जगह 55 किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। जिससे वह 55 हेक्टेयर में यह उत्पादन कर लें। इसके अलावा प्रदेश के 30 किसान ऐसे हैं जिन्होंने अपने खर्च पर बगैर सब्सिडी के ही उत्पादन किया है। दल के सदस्यों जिनमें एससी भंडारी महाराष्ट्र, टीबीएसएन मुरथी आंध्रप्रदेश, जया प्रकाश केरल,डब्ल्यू एच शंकरा तमिलनाडू, वैलजी भाई मसानी गुजरात, लोगाथान तमिलनाडू,बसंत कुमार साडू उड़ीसा, जबकि भारतीय समुंद्री उत्पाद निर्यात प्राधिकरणके अधिकारियों के रूप में अंटनी केजी केरला, संयुक्त निदेशक डा.एसकंदन आंध्रा प्रदेश, दीपा, शशी, सुनील कुमार, विजय कुमार, कुंदन ¨सह, केएन विश्वनाथ, ओमप्रकाश व प्रदीप दिल्ली मौजूद रहे।