तालाबों की अनदेखी से खिन्न है युवा मन
जागरण संवाददाता,सोनीपत: निरंतर गिरता भू जल स्तर सभी के लिए ¨चता का विषय है। विद्यार्थियों का मानना
जागरण संवाददाता,सोनीपत:
निरंतर गिरता भू जल स्तर सभी के लिए ¨चता का विषय है। विद्यार्थियों का मानना है कि जल संरक्षण तभी संभव होगा जब प्राकृतिक जल स्त्रोतों को सहेजा जाएगा। इसमें तालाब, पोखर, जलाशय सभी को पुनर्जीवित कर हरा भरा बनाना जरूरी है। प्रशासन और ग्रामीणों की अनदेखी के करण वर्तमान में अधिकतर तालाब खस्ताहाल है। कुछ तालाबों का पानी दूषित हो चुका और कुछ अतिक्रमण की चपेट में है। प्रशासन और समाज के विभिन्न वर्गों को तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाने होंगे।
तालाबों से पर्यावरण संरक्षण
तालाबों को संरक्षित करने से होगा पर्यावरण संरक्षण होगा। इससे भू जल स्तर में भी सुधरेगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तालाबों को पुनर्जीवित करना जरूरी है। तालाबों और जलाशयों में पानी रहने से पर्यावरण संरक्षण भी होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशु तालाबों पर पानी पी सकते हैं। इससे पेयजल की बचत होगी। प्रशासन को तालाबों को पुनर्जीवित करने में पंचायतों को सहयोग देना चाहिए।
-नमन जैन, ¨हदू कॉलेज।
तालाबों को रखे स्वच्छ
तालाबों को पुनर्जीवित करने के साथ ही उनको साफ और स्वच्छ भी रखना चाहिए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से घरों से निकलने वाले दूषित पानी या कचरे को तालाबों में भी डाल दिया जाता है। इससे तालाब का पानी दूषित हो जाता है और वह किसी काम नहीं आता है। दूषित जल पशुओं और कृषि के काम भी नहीं आता है। इससे पशुओं के बीमार होने का खतरा रहता है। इसलिए तालाबों की स्वच्छता भी अहम है।
-ईशु, ¨हदू कन्या महाविद्यालय।
विद्यार्थी चलाए अभियान
वर्तमान में जो जल संकट चल रहा है। उससे निपटने के लिए तालाबों का संरक्षण बहुत जरूरी है। इसके लिए प्रशासन, समाज सेवी संस्थाएं और विद्यार्थियों को आगे होना होगा। सभी मिलकर मुहिम चलानी होगी। प्राचीन समय में तालाबों की बहुत उपयोगिता थी। महिलाएं घरलू कामों के लिए भी तालाबों से ही पानी लाती थी। सभी के पशु एक साथ तालाबों पर पानी पीते थे। समय के साथ तालाबों का स्वरूप भी बदल गया है।
-प्रिया, ¨हदू कन्या महाविद्यालय।
पानी बर्बाद करने वालों पर हो कार्रवाई
जल संरक्षण की कोई भी मुहिम तभी सफल होगी जब पानी बर्बाद करने वालों पर लगाम कसने के लिए कोई कानून बने। जिनके घरों में सबमर्सिबल लगे हैं वह सबसे ज्यादा पानी बर्बाद करते हैं। समसर्बिल के कारण ही तालाबों की जरूरत खत्म हो गई है। पहले पशुओं के सभी काम तालाबों के पानी से ही होते थे।
-सोनाली, ¨हदू कन्या महाविद्यालय।