तालाबों को पुनर्जीवित करने की मुहिम में सबका सहयोग जरूरी
सोनीपत,जागरण संवाददाता:भूजल के निरंतर दोहन पर युवा पीढ़ी भी ¨चतित है। युवाओं का मानना है कि जल सं
सोनीपत,जागरण संवाददाता:भूजल के निरंतर दोहन पर युवा पीढ़ी भी ¨चतित है। युवाओं का मानना है कि जल संरक्षण को लेकर जागरूकता का बेहद अभाव है। प्राकृतिक जल संचय के जो साधन हैं ,वे भी अनदेखी के कारण सूख गए हैं। पहले एक ही गांव में कई-कई तालाब होते थे, जिन पर गांव के सभी पशु पानी पीते थे और कृषि संबंधी कार्यों के लिए भी तालाबों से पानी लिया जाता था। गांव की बहुत सारी जरूरतों को पूरा करने वाले ये तालाब आज बेहद उपेक्षित हैं।प्रशासन और पंचायतों की अनदेखी के कारण कहीं तालाबों पर अतिक्रमण हो गया, तो कहीं तालाबों में कूड़े और गंदगी के ढेर लग गए। पहले बारिश आती थी ,तो तालाबों में पानी का संचय हो जाता था। अब बारिश का पानी व्यर्थ बह जाता है।इस संबंध में विद्यार्थियों ने एक स्वर से कहा कि तालाबों को पुनर्जीवित करने की मुहिम में सभी को मिल कर सहयोग करना चाहिए।
तालाबों को रखें साफ- सुथरा
निरंतर गिरते भूजल स्तर को सुधारने में तालाबों की महत्वपूर्ण भूमिका है। तालाब व पोखर बारिश के जल के बेहतर संचय के स्त्रोत हैं। इससे जहां भूजल स्तर सुधारेगा वहीं बारिश का पानी जो व्यर्थ बहता रहता है, उसका संचय होगा। जगह -जगह तालाबों को पुनर्जीवित करने की मुहिम चल रही है। इसके लिए जरूरी है कि सभी लोग तालाबों को पुनर्जीवित करने के साथ ही उनको स्वच्छ रखने का भी संकल्प लें। उनमें गंदगी न डालें।
चारू, जीवीएम कन्या महाविद्यालय
तालाबों की सफाई होनी चाहिए
ग्रामीणों की उदासीनता की वजह से जो तालाब गंदगी और दूषित जल से अटे पड़े हैं, उनकी साफ-सफाई करवानी चाहिए। बारिश से पहले सफाई हो जाए तो अच्छा है। इससे बारिश के जल का संचय हो जाएगा। भूजल स्तर भी सुधरेगा। व्यर्थ बहने वाला बरसात का जल पशुओं के काम आ सकेगा। इससे पेयजल की बचत होगी।
प्रीति, जीवीएम कन्या महाविद्यालय
प्रशासन बरते सख्ती
तालाबों को दूषित करने और उन पर अतिक्रमण करने वालों पर प्रशासन को सख्ती दिखानी चाहिए, ताकि अन्य लोगों को भी सबक मिले और वह तालाबों के जल को साफ और स्वच्छ रखें। अब तो लोग घरों से निकलने वाला हर तरह का कचरा और दूषित पानी तालाबों के आसपास ही छोड़ देते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषण होता है और तालाब का जल दूषित होकर वह किसी भी काम का नहीं रहता है। पशु भी उसको नहीं पी पाते हैं।
राहुल, ¨हदू कॉलेज
कई जगह तालाब हो रहे हैं पुनर्जीवित
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कई जगह तालाबों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। यह अच्छा प्रयास है। इससे बहुत लाभ होगा । अब जब बारिश होगी तो पानी का संचय हो जाएगा। पशु की पेयजल की जरूरत भी तालाबों के माध्यम से पूरी हो जाएगी, जिससे पानी की बचत होगी। इसके साथ ही पर्यावरण भी शुद्ध होगा। इससे प्रेरणा लेकर अन्य क्षेत्रों के लोगों को भी तालाबों को पुनर्जीवित करने की मुहिम में सहयोग देना चाहिए।
अमन, ¨हदू कॉलेज