पार्षदों को गड़बड़ी की आशंका
जागरण संवाददाता, सोनीपत : नगर निगम बनने की बाट जोह रहे नगरपरिषद में इन दिनों अलग ही माहौल देखने क
जागरण संवाददाता, सोनीपत :
नगर निगम बनने की बाट जोह रहे नगरपरिषद में इन दिनों अलग ही माहौल देखने को मिल रहा। एक तरफ अधिकारी विकास कार्यों के लिए पैसा न होने की बात कह रहे है, तो कई नगर पार्षद नप में गड़बड़ी की आशंका जता रहे है। कई पार्षद उनके वार्डों में पिछले सात माह से कोई विकास कार्य न करवाने का आरोप नप अधिकारियों पर लगा रहे है। जबकि नप अधिकारी बजट की कमी को विकास कार्यो की राह में रोडा बता रहे है। अधिकारियों ने घोषित कर दिया है कि बजट न होने की वजह से अब कोई काम नहीं होगा। वही अधिकारियों की इन बातों को बेतुकी व कोरा झूठ बताते हुए कई पार्षद इस संबंध में नप अधिकारियों की शिकायत सीएम तक पहुंचाने की बात कह रहे है।
पहले के टेंडर के रेट तय नहीं : नप की तरफ से 12 अगस्त 2014 को नप में विकास कार्यों के लिए टेंडर लगाया गया। जिसमें शहर के विभिन्न वार्डों में विकास कार्य करवाएं जाने थे। 16 अप्रैल को टेंडर ओपन भी कर दिया गया। लेकिन आज तक रेट घोषित नहीं किए जा सके है। विकास कार्य केवल फाइलों तक ही सिमट कर रह गए है। हालांकि उसके बाद नप में पांच करोड़ रुपये के टेंडर लगे और उनके रेट भी जारी हुए।
इन क्षेत्रों को है विकास का इंतजार :
अधिकारियों के मुताबिक शहर के प्रगति नगर, मलिक कालोनी, धोबी वाड़ा, गढ़ी ब्राह्मणा जटवाड़ा, चार मरला, वार्ड 21, वार्ड 10, वार्ड 14, वार्ड, वार्ड 10 समेत कई क्षेत्रों के विकास कार्य बजट न होने के चलते लटके हुए है।
करोड़ों रुपये का नहीं कोई हिसाब:
नप के खाते में 30 अप्रैल को करीब 33 करोड रुपये मौजूद थे। इसके अलावा नप के पास इस दौरान एक करोड़ 29 लाख, एक करोड़, एक करोड़ 19 लाख तथा एक करोड़ 31 लाख रुपये की ग्रांट भी पहुंची है। लेकिन इसके बावजूद शहर में विकास कार्य नहीं हो रहे। और न ही अधिकारियों के पास इस पैसे का कोई हिसाब किताब है। अधिकारियों की शिकायत सीएम तक भी पहुंचाई जाएगी।
--सुनैना भारद्वाज, नगर पार्षद, वार्ड 21।
अधिकारियों पर होनी चाहिए कार्रवाई :
वार्ड 10 के वासी अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भूगत रहे है। मै वार्ड में विकास कार्य जब करवाएं जाने की मांग की है। अधिकारियों ने रटा-रटाया जवाब दिया है बजट नहीं है। 12 अगस्त 2014 को विकास कार्यो के लिए टेंडर नप की तरफ से लगाए थे। जिसमे हमारे वार्ड में भी कुछ काम होने थे लेकिन आज तक टेंडर के रेट अप्रूव्ड नहीं हो पाए है। जब की उसके बाद भी करोड़ों के टेंडर लगाए गए है। नप में जम कर गड़गड़ी का खेल खेला गया है।
-जयपाल कादियान, नगर पार्षद, वार्ड 10।
मुख्यमंत्री से की जाएगी शिकायत :
नप की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता नहीं है। एक तरफ पिछले लगभग एक साल से उनके वार्ड के लिए कोई टेंडर नहीं लगाए है। जबकि इससे पहले नप की ओर से एक दिन के अंदर 13 करोड़ के टेंडर भी नप की तरफ से लगाए गए है। उनके वार्ड में पांच लाख रुपये सफाई व्यवस्था के लिए पारित हुए थे। लेकिन आज तक नप की तरफ से इसके लिए कोई पहल नहीं की गई। नप अधिकारी बड़े स्तर पर गड़बड़ी का खेल खेल रहे है। मुख्यमंत्री से मिल मामले की जांच की मांग की जाएगी।
- र¨वद्र दिलावर, नगर पार्षद, वार्ड 3।
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नप के पास फिलहाल बजट नहीं है। अगर बजट आएगा तो इन क्षेत्रों में प्राथमिकता के साथ काम करवाया जाएगा। उन्हें 12 अगस्त 2014 को लगाए गए टेंडर की जानकारी नहीं है।
--ठाकुर लाल शर्मा, कार्यकारी अभियंता, नगरपरिषद।