शहरी क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की देखभाल करेगी 'आशा'
फोटो-13------ -40 आशा वर्करों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं की भी जिम्मेवारी जागरण संवा
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-40 आशा वर्करों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं की भी जिम्मेवारी
जागरण संवाददाता, सोनीपत : सिविल सर्जन डा. जसवंत सिंह पूनिया ने कहा कि शहरी क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व तथा डिलीवरी होने तक पूरी देखभाल के लिए आशा वर्करों की तैनाती हुई है। इन 40 आशा वर्करों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तमाम योजनाओं के क्रियान्वयन की भी जिम्मेवारी होगी। वह विश्व आयोडीन दिवस पर जिला प्रतिरक्षण सभागार में चयनित 40 आशा वर्करों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आयोडीन की अल्पता से महिलाओं में घेंघा रोग हो जाता है। आयोडीन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। यह हमें बहुत सी बीमारियों से बचा कर रखता है, इसलिए हमें चाहिए कि हम उसी नमक का प्रयोग करे जिसमें आयोडीन हो। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच के अलावा डिलीवरी के बाद बच्चों के टीकाकरण पर भी आशा वर्कर ध्यान देंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रभारी डा. महेंद्र सिंह ने कहा कि आशा वर्करों को संस्थागत डिलीवरी की फीसद बढ़ाने की जिम्मेवारी है। घर पर होने वाली डिलीवरी से जच्चा-बच्चा दोनों पर खतरा रहता है, इसलिए आशा वर्करों को गर्भवती महिलाओं को संस्थागत डिलीवरी करवाने के प्रति जागरुकता की जिम्मेवारी होगी।
उधर, खरखौदा के सामान्य अस्पताल में मंगलवार को वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. इंद्रजीत ने बैठक कर आशा वर्कर व आंगनबाड़ी वर्करों की आयोडीन की महत्ता समझाई। उन्होंने कहा कि आयोडीन की कमी के कारण कई बीमारियों की चपेट में हम आ सकते हैं जिनमें बहरापन, घेंघा, मानसिक विकार, शरीर में कमजोरी आना आदि बीमारियां शामिल है। इस लिए स्वास्थ्य वर्कर, आशा वर्कर व आंगनबाड़ी वर्कर इस बात पर ध्यान दें कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को आयोडीन की महत्ता बताते हुए उन्हें आयोडीन युक्त नमक प्रयोग में लाने के लिए प्रेरित करें।