लीड---बरोदा में आज तक नहीं लगा कोई उद्योग
जागरण संवाददाता, गोहाना :
हरियाणा प्रदेश का गठन हुए 48 साल हो चुके है। लंबा अर्सा गुजरने के बाद भी बरोदा हलका विभिन्न पार्टियों की सरकार में उपेक्षा का शिकार रहा है। दस वर्ष के कांग्रेस शासन में भी सरकार ने यहां कोई बड़ी औद्यौगिक इकाई लगाने की तरफ ध्यान नहीं दिया। हलके में उद्योगों का अभाव होने के चलते बेरोजगारी की मुख्य समस्या बनी है। इस तरह की उपेक्षा को लेकर सरकार ने सुध भी नहीं ली है। इस विधानसभा चुनाव में हलके के लोग अपने इस उपेक्षा को लेकर प्रत्याशियों से जवाब-तलब करेंगे।
यह है हलके की स्थिति
बरोदा हलके में 1.60 लाख मतदाता है। यह हलका हरियाणा के गठन से लेकर 2005 के विधानसभा चुनाव तक एससी के लिए आरक्षित रहा है। 2009 के चुनाव में यह हलका पहली बार सामान्य हुआ। इस हलके से 1987 के चुनाव में लोकदल पार्टी से विधायक बने कृपाराम पूनिया प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री भी बने थे,उनकी सरकार में तूती भी बोलती थी। इनके कार्यकाल में भी एक भी उद्योग नहीं लगी। इसी हलके से 1968 व 1972 के चुनाव में दो बार विधायक निर्वाचित हुए श्यामचंद भी प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके है। उस समय भी स्थिति यही रही। उद्योग के नाम पर केवल मात्र चौ. देवीलाल ने
सहकारी चीनी मिल चीनी मिल लगवाई। चीनी मिल इनेलो सरकार के कार्यकाल वर्ष 2001 में स्थापित हुआ था, जिसे लगाने के लिए गाव आहुलाना की पंचायत ने अपनी जमीन दी थी। मिल में नियुक्तियों को लेकर भी बहुत बड़ा विवाद हुआ था। उद्योग व फैक्टरियों के अभाव में यह हलका विकास व रोजगार के मामले में पिछड़ेपन का शिकार हुआ है।
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''बरोदा हलके में सभी राजनैतिक दलों ने अपनी राजनीति चमकाने का काम किया है। हलके में कोई भी सरकारी उद्योग या फैक्टरी न होने के चलते यह हलका विकास के मामले में लगातार पिछड़ रहा है।'
- बलजीत सिंह मलिक : गठवाला खाप के दादा।
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''हलके से आज तक जिस भी राजनैतिक दल से विधायक बने है उन्होंने कभी भी यहा सरकारी उद्योग या फैक्टरी लगाने की माग ही नहीं उठाई। यहा से विधायक प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने है लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में लोगों को सोच समझकर वोट देने चाहिए।'
- भलेराम नरवाल : कथूरा बारहा के प्रधान।
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''किसी भी हलके के विकास में उद्योग व फैक्टरियों की अहम भूमिका होती है। विधायकों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और फैक्टरी या उद्योग लगाने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए।'
- सुच्चा सिंह : ग्रामीण।
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''बरोदा हलका बहुत पुराना है। यहा एक भी उद्योग न होने से बेरोजगारी की बहुत बड़ी समस्या है। उद्योग व फैक्टरी लगने से शिक्षित व अशिक्षित दोनों तरह के युवाओं को रोजगार मिलेगा। रोजगार के अभाव में क्षेत्र के युवाओं को दूसरे शहरों की तरफ जाना पड़ता है।'
- आजाद सिंह : ग्रामीण
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''किसी भी क्षेत्र में सड़के व रेल उद्योग के मामले में बहुत अहम होते है। पिछले पाच साल में सड़कों का बहुत सुधार हुआ है। जींद-गोहाना-सोनीपत रेल लाइन का काम अंतिम चरण पर है। काग्रेस सरकार के कार्यकाल में सोनीपत जिले के लिए रेल कोच फैक्टरी मंजूर हुई थी। उस फैक्टरी को बरोदा हलके में लगवाने का प्रयास किया गया था। अब केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद रेल कोच फैक्टरी को ठडे बस्ते में डाल दिया गया है।'
- श्रीकृष्ण हुड्डा, विधायक-- हलका बरौदा।